क्या शी चिनफिंग ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ छंगतु में मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान किया?

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क्या शी चिनफिंग ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ छंगतु में मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान किया?

सारांश

चीन और फ्रांस के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का यह क्षण न केवल दो देशों के बीच सहयोग को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान क्या-क्या हुआ।

Key Takeaways

  • चीन और फ्रांस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की मजबूती।
  • तुच्यांगयान जल संरक्षण परियोजना का महत्व।
  • वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में सहयोग।
  • संस्कृति और इतिहास के आधार पर आपसी समझ।
  • भविष्य में सहयोग के संभावित क्षेत्र।

बीजिंग, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 5 दिसंबर को दक्षिण पश्चिमी चीन के छंगतु शहर के तुच्यांगयान में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान किया।

मैक्रों दंपति के तुच्यांगयान पहुंचने पर शी चिनफिंग और उनकी पत्नी फंग लीयुएं ने उनकी जोशपूर्ण अगवानी की। तुच्यांगयान के इतिहास और महत्व की चर्चा में शी चिनफिंग ने कहा कि तुच्यांगयान जल संरक्षण परियोजना पूरे विश्व में आज तक एकमात्र प्रयुक्त प्राचीन जल संरक्षण परियोजना है और मानवता तथा प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व में सबसे पुराने सफल व्यवहारों में से एक है। इसके निर्माण से चीनी राष्ट्र की सशक्तिकरण के लिए संघर्ष करने और साहस के साथ पहल करने की भावना जाहिर हुई। फ्रांसीसी राष्ट्र में भी साहस की अदम्य भावना है। चीन और फ्रांस को अन्य देशों की तुलना में अधिकतर पारस्परिक समझ और सम्मान करना चाहिए।

मैक्रों ने कहा कि दो हजार से अधिक साल पुरानी जल संरक्षण परियोजना आज तक भूमिका निभा रही है। चीनी जनता की कर्मठ और बुद्धिमत्ता सराहनीय है। फ्रांस और चीन दोनों का पुराना इतिहास और संस्कृति है। बेहतर जीवन के प्रति दोनों देशों की जनता का अनुसरण समान है। फ्रांस और चीन सहयोग से एक साथ विकास व समृद्धि का अनुसरण कर सकते हैं और दोनों देशों की जनता को कल्याण पहुंचा सकते हैं।

दोनों राष्ट्राध्यक्षों और उनकी पत्नियों ने हुआईकु पैवेलियन में बैठक कर चर्चा की। शी ने बल दिया कि राष्ट्रीय समृद्धि और पुनरोत्थान को भौतिक संपत्ति के संचयन की ज़रूरत है और आध्यात्मिक सभ्यता की उन्नति की जरूरत भी है। चीनी सभ्यता विश्व में एकमात्र निरंतर और देश के रूप में आज तक विकसित होने वाली महान सभ्यता है। चीन और फ्रांस अलग-अलग तौर पर पूर्वी और पश्चिमी संस्कृतियों के श्रेष्ठ प्रतिनिधि हैं। दोनों देशों की स्वतंत्र भावना अपने-अपने गहरे सांस्कृतिक आधार से आती है। विश्वास है कि बड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक देश के नाते चीन और फ्रांस वार्ता व सहयोग से विश्व शांति व स्थिरता और मानव विकास व प्रगति के लिए अधिक बड़ा योगदान देंगे।

मैक्रों ने कहा कि फ्रांस चीन के साथ संपर्क मजबूत कर वार्ता से मुठभेड़ सुलझाने पर कायम रहकर हाथ से हाथ मिलाकर विश्व शांति व स्थिरता बनाए रखने को तैयार है।

शी चिनफिंग और फंग लीयुएं ने मैक्रों दंपति को एक साथ भोजन का निमंत्रण दिया। इस दौरान उन्होंने विचारों का आदान-प्रदान जारी रखा। दोनों राष्ट्राध्यक्ष घनिष्ठ संवाद बनाए रखने और चीन फ्रांस सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी निरतंर आगे बढ़ाने पर सहमत हुए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता की आवश्यकता को भी दर्शाता है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

शी चिनफिंग और मैक्रों की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य चीन और फ्रांस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करना और वैश्विक शांति के लिए सहयोग बढ़ाना था।
तुच्यांगयान जल संरक्षण परियोजना क्यों महत्वपूर्ण है?
यह परियोजना मानवता और प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और यह आज भी कार्यरत है।
चीन और फ्रांस के सांस्कृतिक संबंधों का क्या महत्व है?
दोनों देशों की समृद्ध संस्कृति और इतिहास एक-दूसरे को समझने और सहयोग करने में मदद करते हैं।
क्या इस बैठक का वैश्विक स्तर पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
जी हां, यह बैठक वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
फ्रांस और चीन के बीच भविष्य में कौन से सहयोग की उम्मीद की जा सकती है?
दोनों देश जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा सकते हैं।
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