क्या 2025 की वैश्विक राजनीति में पुतिन के साथ पीएम मोदी की कारपूलिंग और ट्रंप-जेलेंस्की का संयमित अंदाज महत्वपूर्ण है?
सारांश
Key Takeaways
- पुतिन और मोदी की कारपूलिंग ने भारत-रूस संबंधों को दर्शाया।
- ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बातचीत में यूक्रेन के लिए समर्थन की चर्चा हुई।
- असमान शक्ति संतुलन स्पष्ट है, जबकि सहयोग का दरवाजा खुला है।
- पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात ने चीन-रूस संबंधों को मजबूती दी।
- 2025 की वैश्विक राजनीति में बदलाव का संकेत मिलता है।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2025 की वैश्विक राजनीति में बयानों और औपचारिक समझौतों की स्थिति अक्सर सीमित रही है। कई बार कैमरे में कैद चेहरे, हाथ मिलाने का अंदाज और फ्रेम में दूरी ने वो सब कुछ कह दिया जो भाषणों में नहीं कहा जा सकता था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की 17 अक्टूबर 2025 को व्हाइट हाउस में मुलाकात को कौन भूल सकता है। जेलेंस्की ने इस मुलाकात में ड्रेस कोड का पालन करते हुए कदम बढ़ाया। ट्रंप और जेलेंस्की एक साथ दिखाई दिए, जहां ट्रंप अक्सर आगे झुके हुए थे, जबकि जेलेंस्की गंभीर और सतर्क दिखे।
ट्रंप के हाव-भाव में आत्मविश्वास झलकता था, जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति सतर्कता से अपनी सोच में खोए थे। वो टॉमहॉक मिसाइलों की उम्मीद लेकर आए थे, लेकिन यह डील नहीं हो पाई। इसका मुख्य कारण ट्रंप की पुतिन से बातचीत में खुली चेतावनी थी। हालांकि अमेरिका ने कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए इसकी आवश्यकता है।
यह स्पष्ट था कि सहयोग मौजूद है, लेकिन असमान शक्ति संतुलन भी दिख रहा था। अमेरिका रणनीतिक दिशा तय कर रहा है और यूक्रेन को समर्थन पाने के लिए शर्तों का संतुलन बनाए रखना पड़ रहा है।
ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 15 अगस्त को अलास्का में हुई मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी। यूक्रेन पीस प्लान के लिए ट्रंप पहुंचे थे, लेकिन दोनों की बॉडी लैंग्वेज ने बहुत कुछ कह दिया।
पुतिन और ट्रंप की तस्वीरों में मुस्कान कम थी, और शांति समझौते पर बात नहीं बन पाई। यहां भी दिखा कि टकराव और अविश्वास के बावजूद संवाद का दरवाजा खुला है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग की 31 अगस्त 2025 को तियानजिन में हुई मुलाकात पर भी सभी की निगाहें थीं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में दोनों ने मजबूती से एक साथ खड़े होकर अपने सहयोग को दर्शाया।
ट्रंप और इजरायली राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू के बीच 13 अक्टूबर 2025 को हुई मुलाकात भी चर्चित रही। इस दौरान ट्रंप ने इजरायल की संसद को संबोधित किया और तस्वीरों में नेतन्याहू उनके कान में कुछ कहते दिखे।
दिसंबर के आते-आते, पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ही कार में बैठकर खिंचाई गई तस्वीर ने हंगामा मचा दिया। 4 दिसंबर को खींची गई इस तस्वीर ने भारत और रूस के बीच गहरे रिश्ते को दर्शाया।