क्या थाइवान को अमेरिका से हथियारों की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है?
Key Takeaways
- चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की।
- थाइवान को हथियारों की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है।
- कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर संघर्ष की चिंता।
- जापान में परमाणु हथियार रखने का सुझाव सैन्यवाद की ओर इशारा करता है।
- थाइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को खतरा है।
बीजिंग, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि थाइवान को अमेरिका द्वारा बड़े पैमाने पर हथियारों की बिक्री पर चीन का दृढ़ रुख स्पष्ट किया गया है।
क्वो च्याखुन ने कहा कि अमेरिका द्वारा थाइवान को हथियारों की बिक्री, चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है, जो कि चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को गंभीर रूप से कमजोर करता है। यह थाइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को भी नुकसान पहुंचाता है और 'थाइवान स्वतंत्रता' के लिए अलगाववादी ताकतों को गलत संदेश भेजता है। चीन ने इस पर अपनी गंभीर असंतोष और विरोध व्यक्त किया है और अमेरिका के समक्ष तत्काल विरोध दर्ज कराया है।
कंबोडिया-थाईलैंड सीमा की स्थिति पर चर्चा करते हुए, क्वो च्याखुन ने कहा कि कंबोडिया और थाईलैंड के मित्र पड़ोसी और सहयोगी के रूप में, चीन इस सीमा पर मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित है और दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष नहीं देखना चाहता। संघर्ष में हुई नागरिक मौतों पर चीन को गहरा दुःख है। चीन दोनों देशों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से मध्यस्थता कर रहा है।
जापान के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा परमाणु हथियार रखने की बात को लेकर क्वो च्याखुन ने कहा कि जापान सैन्य सुरक्षा मुद्दों पर लंबे समय से गलत बयान और कार्रवाई कर रहा है। जापान में कुछ ताकतों द्वारा परमाणु हथियार रखने का सुझाव देना, दक्षिणपंथी रूढ़िवादियों की सैन्यवाद को पुनर्जीवित करने की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)