क्या टोक्यो-बीजिंग तनाव चरम पर है? रूसी बॉम्बर चीनी गश्त में शामिल, अमेरिका का समर्थन

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क्या टोक्यो-बीजिंग तनाव चरम पर है? रूसी बॉम्बर चीनी गश्त में शामिल, अमेरिका का समर्थन

सारांश

क्या टोक्यो-बीजिंग तनाव अपने चरम पर पहुँच गया है? जानिए कैसे अमेरिका ने जापान के कदम का समर्थन किया और रूसी बॉम्बर ने चीनी गश्त में शामिल होकर स्थिति को और जटिल बना दिया है।

Key Takeaways

  • जापान और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है।
  • रूसी बॉम्बर चीनी एयर पेट्रोलिंग का हिस्सा बन गए हैं।
  • अमेरिका ने जापान का समर्थन किया है।
  • रक्षा मंत्री ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
  • स्थिति की गंभीरता को समझना आवश्यक है।

टोक्यो/बीजिंग, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान और चीन के बीच तनाव 7 नवंबर से लगातार बढ़ रहा है। अब यह तनाव जमीन से आसमान तक फैल गया है। हाल ही में, जापान ने चीन पर आरोप लगाया कि उसने अपने एयरक्राफ्ट को लॉक किया। बीजिंग ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है। खबरों के अनुसार, रूसी बॉम्बर अब चीनी एयर पेट्रोलिंग का हिस्सा बन गए हैं, और अमेरिका ने भी जापान के इस कदम को उचित ठहराया है।

जापानी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात को एक बयान में कहा कि जापान ने रूस और चीन की जॉइंट पेट्रोलिंग पर नजर रखने के लिए जेट भेजे हैं। दो रूसी टीयू-95 न्यूक्लियर-कैपेबल स्ट्रेटेजिक बॉम्बर्स ने जापान सागर से पूर्वी चीन सागर की ओर उड़ान भरी, जहां वे दो चीनी एच-6 बॉम्बर्स से मिले और एक "लंबी दूरी की जॉइंट फ्लाइट" की।

जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने कहा कि रूस और चीन का यह संयुक्त अभ्यास "स्पष्ट रूप से हमारे देश के खिलाफ ताकत दिखाने के इरादे से किया गया था, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।"

हाल ही में, अमेरिका ने भी जापानी फाइटर जेट्स पर चीन की सेना के रडार के इस्तेमाल की आलोचना की। जापानी मीडिया ने इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "चीन की हरकतें क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए सही नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "अमेरिका-जापान गठबंधन पहले से कहीं अधिक मजबूत और एकजुट है।"

जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी मिनोरू किहारा ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की, यह कहते हुए कि यह "अमेरिका-जापान के मजबूत गठबंधन का प्रमाण है।"

चीनी विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

6 दिसंबर को, लियाओनिंग एयरक्राफ्ट कैरियर से भेजे गए चीनी फाइटर जेट्स ने जापानी एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स के जेट्स को रडार लॉक किया था, जिसे टोक्यो ने "खतरनाक" बताया था।

यह रडार की घटना ऐसे समय में हुई जब जापान और चीन के संबंध पहले से ही तंग हैं। ताकाइची ने डाइट में कहा था कि सेल्फ-डिफेंस फोर्स को कुछ "सबसे विपरीत स्थितियों" में तैनात किया जा सकता है, जैसे कि ताइवान पर चीन की नौसेना की नाकाबंदी।

Point of View

टोक्यो और बीजिंग के बीच के तनाव से न केवल जापान, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। यह स्थिति महत्वपूर्ण है, और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

जापान और चीन के बीच तनाव क्यों बढ़ रहा है?
जापान और चीन के बीच तनाव मुख्य रूप से सीमा विवाद और सैन्य गतिविधियों के कारण बढ़ रहा है। विशेष रूप से, चीन के रडार लॉक करने की घटनाएँ चिंता का विषय बनी हुई हैं।
अमेरिका का इस मामले में क्या रुख है?
अमेरिका ने जापान के कदम का समर्थन किया है और चीन के आचरण की आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह क्षेत्र की शांति के लिए सही नहीं है।
रूसी बॉम्बर की भूमिका क्या है?
रूसी बॉम्बर अब चीन की एयर पेट्रोलिंग का हिस्सा बन गए हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
क्या जापान को अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित होना चाहिए?
जापान के रक्षा मंत्री ने कहा है कि रूस और चीन का यह संयुक्त अभ्यास उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
इस तनाव का क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह तनाव जापान और चीन के साथ-साथ पूरे एशियाई क्षेत्र की स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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