क्या सदन छोड़कर विदेश जाना गंभीरता की कमी दर्शाता है? केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी की यात्रा पर क्या कहा?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर भाजपा ने उठाए सवाल।
- केंद्रीय मंत्री ने गंभीरता की कमी का आरोप लगाया।
- संसद सत्र के दौरान विदेश यात्रा पर विवाद बढ़ा।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद सत्र के बीच, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर घमासान जारी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का सदन छोड़कर विदेश जाना उनकी गंभीरता की कमी को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी विदेश जाते हैं, तो उनके दौरे का देश के लिए महत्व है, यह सभी जानते हैं। लेकिन जब राहुल गांधी विदेश जाते हैं, तो ऐसा लगता है कि वे केवल भारत और इसके नागरिकों की बुराई करते हैं।
उन्होंने कहा, 'संसद सत्र महत्वपूर्ण होता है, फिर भी सदन छोड़कर विदेश दौरे पर जाना गंभीरता की कमी दिखाता है। बिहार में चुनाव के दौरान भी वे गायब रहे। कांग्रेस भी आज राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेती है।'
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष लोकसभा में उपस्थित नहीं रहते, तो यह संसद, एसआईआर, विधेयकों और कानूनों के प्रति संवेदनहीनता का परिचय है।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी कई वर्षों से चुनावों पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। जब भी कांग्रेस पार्टी चुनाव हारती है, उन्होंने लगातार ईवीएम पर संदेह जताया है। इसके अलावा, चुनाव आयोग को भी वे कटघरे में लाते रहे हैं।"
भाजपा की सहयोगी पार्टी टीडीपी के सांसद लवू श्री कृष्ण देवरायलु ने राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर टिप्पणी की, "यही तरीका है, जिससे कांग्रेस पार्टी चल रही है।"
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि राहुल गांधी अनिवासी भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारत में कम और विदेश में अधिक रहते हैं। उन्होंने कहा कि एक सामान्य सांसद के लिए भी सत्र के दौरान छुट्टी लेना मुश्किल है, लेकिन राहुल गांधी का सदन के मध्य भाग में 5-6 दिन की छुट्टी लेकर विदेश यात्रा करना उनकी गंभीरता को दर्शाता है।