क्या देश में सबसे पहला एसआईआर 1952 में जवाहरलाल नेहरू ने कराया था? : अमित शाह

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क्या देश में सबसे पहला एसआईआर 1952 में जवाहरलाल नेहरू ने कराया था? : अमित शाह

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधारों के संदर्भ में एसआईआर की चर्चा की। उन्होंने बताया कि एसआईआर की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, और पहले एसआईआर 1952 में हुआ था। जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • एसआईआर की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है।
  • पहला एसआईआर 1952 में हुआ था।
  • चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है।
  • संविधान के अनुच्छेद 324 और 326 चुनाव आयोग की शक्तियों और कार्यों को निर्धारित करते हैं।
  • विपक्ष के सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा न करने का मुख्य कारण यह है कि विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध में बातें कर रहा था। एसआईआर पर चर्चा संभव नहीं है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी भारत के चुनाव आयोग की है। चुनाव आयोग और चुनाव आयुक्त सरकार के अंतर्गत काम नहीं करते हैं। यदि इस पर चर्चा होती, तो सवालों के जवाब कौन देता?

अमित शाह ने बताया कि सबसे पहला एसआईआर 1952 में हुआ, जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। दूसरा एसआईआर 1957 में हुआ, जिसमें भी नेहरू का शासन था। तीसरा एसआईआर 1961 में हुआ, फिर से नेहरू के समय। 1965-66 में एसआईआर हुआ, उस समय लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे। 1983-84 में एसआईआर हुआ, उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। 1987-89 में एसआईआर हुआ, जब राजीव गांधी ने शासन किया। 1992-95 में एसआईआर हुआ, उस समय पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। 2002-03 में भी एसआईआर हुआ, तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। 2004 में एसआईआर समाप्त हुआ, जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।

अमित शाह ने चुनाव आयोग की शक्तियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग का गठन, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का संपूर्ण नियंत्रण चुनाव आयोग को सौंपा गया है।

उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 326 में मतदाता की पात्रता, योग्यता, और मतदाता बनने की शर्तें निर्धारित की गई हैं। पहली शर्त यह है कि मतदाता भारत का नागरिक होना चाहिए। विपक्ष कह रहा है कि चुनाव आयोग एसआईआर क्यों कर रहा है? अरे, यह उसका दायित्व है, इसलिए इस काम को पूरा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के संविधान के अनुच्छेद 324 से चुनाव आयोग की स्थापना हुई। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। संविधान में चुनाव आयोग का गठन, उसकी शक्तियां, चुनावी प्रक्रिया, मतदाता की परिभाषा और मतदाता सूची को तैयार करने तथा सुधारने का प्रावधान किया गया था, जब हमारी पार्टी का अस्तित्व भी नहीं था।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 327 के तहत, मतदाता सूची तैयार करने, परिसीमन करने और चुनाव कराने की जिम्मेदारियां चुनाव आयोग को दी गई हैं, जिसमें संबंधित कानून की सिफारिश करने का अधिकार भी शामिल है।

गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में एक कांग्रेस नेता ने दावा किया कि चुनाव आयोग को एसआईआर कराने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, अनुच्छेद 327 की व्याख्या के अनुसार, चुनाव आयोग को इस उद्देश्य के लिए मतदाता सूची तैयार करने का पूरा अधिकार है।

Point of View

यह ध्यान में रखना आवश्यक है कि चुनाव आयोग का कार्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। हर राजनीतिक दल को चुनावी प्रक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए और चुनाव आयोग की स्वायत्तता को बनाए रखना चाहिए।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का मतलब विशेष गहन पुनरीक्षण है, जो चुनावी प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए किया जाता है।
अमित शाह ने एसआईआर के बारे में क्या कहा?
अमित शाह ने बताया कि एसआईआर की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है और पहले एसआईआर 1952 में हुआ था।
क्या चुनाव आयोग सरकार के अधीन है?
नहीं, चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है और यह सरकार के अधीन काम नहीं करता है।
चुनाव आयोग की शक्तियां क्या हैं?
चुनाव आयोग को चुनावों का संचालन, मतदाता सूची तैयार करने और परिसीमन करने का अधिकार है।
क्या चुनाव आयोग को एसआईआर कराने का अधिकार है?
जी हाँ, चुनाव आयोग को एसआईआर कराने का अधिकार है, जैसा कि अनुच्छेद 327 में उल्लेखित है।
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