क्या अशोक कुमार की जर्मनी जाने की ख्वाहिश ने उन्हें अभिनेता बना दिया?

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क्या अशोक कुमार की जर्मनी जाने की ख्वाहिश ने उन्हें अभिनेता बना दिया?

सारांश

अशोक कुमार की यादें आज भी ताजा हैं। जानिए कैसे एक सीनियर ने उन्हें जर्मनी जाने से रोका और कैसे उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई।

Key Takeaways

  • अशोक कुमार का जीवन संघर्ष और प्रेरणा से भरा हुआ था।
  • उन्होंने फिल्म निर्देशन का सपना देखा लेकिन अभिनय में भी सफलता पाई।
  • उन्होंने इंडस्ट्री में शिक्षित लोगों के लिए जगह बनाई।
  • उनकी पहली फिल्म 'जीवन' ने उन्हें पहचान दिलाई।
  • अशोक कुमार ने तकनीकी और नैतिक मूल्यों में योगदान दिया।

मुंबई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदी सिनेमा के अद्भुत अभिनेता अशोक कुमार की यादें आज भी उनके प्रशंसकों के दिलों में ताजा हैं। 10 दिसंबर 2001 को उन्होंने इस दुनिया से विदाई ली। उनका फिल्मी सफर लगभग सात दशकों का रहा, जिसमें उन्होंने अपने दमदार अभिनय से लोगों पर गहरी छाप छोड़ी। उनकी जिंदगी अभिनय तक सीमित नहीं थी; वे फिल्मों के तकनीकी और निर्देशन पहलुओं में भी गहरी रुचि रखते थे।

उनकी 24वीं पुण्यतिथि पर प्रसार भारती आर्काइव्स ने एक पुराना इंटरव्यू साझा किया है, जिसमें अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक जिंदगी और फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने की कहानी सुनाई।

इंस्टाग्राम पर साझा किए गए वीडियो में अशोक कुमार ने कहा कि उनके असली सपने में अभिनेता बनना नहीं, बल्कि निर्देशक बनना शामिल था। वे जर्मनी जाकर फिल्म निर्देशन सीखना चाहते थे और इसके लिए एक सीनियर व्यक्ति से सिफारिश पत्र मांगा।

वीडियो में उन्होंने बताया, "मैं उनके पास गया और कहा कि मुझे निर्देशन सीखने के लिए जर्मनी जाना है। लेकिन उस सीनियर व्यक्ति ने कहा कि विदेश में कोई भी मुझे फिल्म निर्देशन नहीं सिखाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि मुझे इंडस्ट्री में रहकर ही यह सब सीखना चाहिए।"

अशोक कुमार ने कहा, "उस समय फिल्म इंडस्ट्री में पढ़े-लिखे लोग बहुत कम आते थे और अगर आते भी थे, तो उन्हें स्वीकार नहीं किया जाता था। मेरा मानना था कि फिल्मों में शिक्षित लोगों को स्थान मिलना चाहिए। मैं खुद प्रयास करके इंडस्ट्री में पढ़े-लिखे लोगों की भूमिका बढ़ाना चाहता था।"

उन्होंने बताया कि वे शुरुआत में केवल तकनीशियन के रूप में आए थे और रोमांटिक सीन करने में उन्हें झिझक होती थी। उन्होंने कहा, "मैंने निर्देशक से कहा कि अगर रोमांटिक सीन शूट करना है तो उसे दूरी से करना चाहिए, क्योंकि मेरे माता-पिता नाराज हो सकते हैं। लेकिन निर्देशक ने समझाया कि ऐसा करने से सीन असली नहीं लगेगा। अंततः मैंने उनकी बात मानी और एक्टिंग की।"

वीडियो में अशोक कुमार ने कहा, "मेरी पहली फिल्म 'जीवन' सुपरहिट रही और इसके बाद लगातार सात फिल्में सफल रहीं, जिससे मुझे हिंदी सिनेमा में एक मजबूत पहचान मिली।"

अशोक कुमार ने न केवल अभिनय बल्कि फिल्म उद्योग के तकनीकी और नैतिक मूल्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Point of View

अगर हमें अपने सपनों का पीछा करने का जुनून हो, तो हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। यह कहानी न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

अशोक कुमार ने अपने करियर की शुरुआत कैसे की?
अशोक कुमार ने अपने करियर की शुरुआत तकनीशियन के रूप में की थी और बाद में उन्होंने अभिनय में कदम रखा।
क्या अशोक कुमार का सपना निर्देशक बनना था?
जी हां, उनका असली सपना निर्देशक बनना था, लेकिन उन्होंने फिल्मों में अभिनय में भी पहचान बनाई।
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