क्या राहुल गांधी की विदेश यात्रा को ट्रैक करना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की विदेश यात्राएं अक्सर चर्चा में रहती हैं।
- मनीषा कायंदे ने इन यात्राओं पर सवाल उठाए हैं।
- यूनेस्को द्वारा दीपावली को मान्यता दी गई है।
- सरकार को राहुल गांधी की गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- विशाल ददलानी का बयान भी चर्चा का विषय बना।
नागपुर, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बार-बार विदेश यात्रा करते हैं, जहां वह देश के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, और उनकी इन यात्राओं को ट्रैक करना आवश्यक है।
नागपुर में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मनीषा कायंदे ने कहा कि पिछले एक या डेढ़ साल में हमने देखा है कि राहुल गांधी लगातार विदेश जाते हैं। जब भी देश में कोई महत्वपूर्ण घटना होती है या संसद का सत्र चल रहा होता है, तो नेता प्रतिपक्ष गंभीर नजर नहीं आते। वह अक्सर सत्र के दौरान विदेश चले जाते हैं। विपक्ष के नेता के रूप में सदन की चर्चाओं में भाग लेना उन्हें शायद पसंद नहीं है।
मनीषा कायंदे ने आगे कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष हैं, लेकिन उन्हें विदेश जाने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है? और वह भी अपनी सुरक्षा को छोड़कर।
राहुल गांधी की सुरक्षा पर शिवसेना नेता ने कहा कि यदि विदेश में उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
मनीषा कायंदे ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राहुल गांधी की गतिविधियों पर नजर रखी जानी चाहिए। जांच समिति का गठन होना चाहिए। विदेशों में जाकर वे भारत की बदनामी करते हैं और भारत के खिलाफ बोलते हैं।
यूनेस्को द्वारा दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करने पर मनीषा कायंदे ने कहा कि यह एक सकारात्मक विकास है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि दीपावली भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, और इसे यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया है। हमें इस पर गर्व है।
संगीतकार विशाल ददलानी के वंदे मातरम पर 10 घंटे की चर्चा के संदर्भ में मनीषा कायंदे ने कहा कि मुझे नहीं पता उनका उद्देश्य क्या है और किसने उन्हें यह कहने के लिए कहा है, लेकिन इंडिगो की समस्या होने पर केंद्र सरकार तुरंत कार्रवाई में आई।
ज्ञातव्य है कि संगीतकार विशाल ददलानी ने एक वीडियो में कहा था कि एक खुशखबरी है। वंदे मातरम पर हुई 10 घंटे की चर्चा से देश में बेरोजगारी खत्म हो गई, इंडिगो की समस्या हल हो गई, और प्रदूषण का मुद्दा भी सुलझ गया है।