क्या ट्रंप ने एच-1बी वीजा के समर्थन में फिर से आवाज उठाई है?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप का एच-1बी वीजा का समर्थन
- चिप निर्माण पर जोर
- रिपब्लिकन नेताओं की मांग
- वीजा आवेदन फीस में वृद्धि
- भारत के कामगारों की संख्या
वाशिंगटन, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा का समर्थन एक बार फिर व्यक्त किया है। उनका मानना है कि विदेशों से आने वाले कामगार आवश्यक हैं, क्योंकि वे अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित करते हैं।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि वर्तमान में अमेरिका में बहुत कम चिप्स का निर्माण होता है, लेकिन आने वाले वर्ष में अमेरिका फिर से बड़े पैमाने पर चिप निर्माण करेगा। इसके लिए अमेरिकी लोगों को चिप बनाना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि पहले अमेरिका इस कार्य को करता था, लेकिन गलती से यह उद्योग ताइवान के हाथों गंवा दिया।
पिछले हफ्ते, ट्रंप ने फ़ॉक्स न्यूज़ की लॉरा इंग्राहम के साथ एक साक्षात्कार में एच-1बी वीजा कार्यक्रम का समर्थन किया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी सरकार इस वीज़ा को कम महत्व देगी, तो ट्रंप ने कहा कि हमें बाहरी प्रतिभाओं को लाने की आवश्यकता है। आपके पास कुछ खास प्रकार की प्रतिभा नहीं है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की लंबी कतार में खड़े लोगों को अचानक मिसाइल बनाने वाले कारखाने में नहीं लगाया जा सकता, इसके लिए विशेष कौशल की आवश्यकता है।
ट्रंप के इस बयान के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने एच-1बी कार्यक्रम को समाप्त करने की मांग शुरू कर दी। इसके बाद व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि वीज़ा आवेदन पर एक लाख डॉलर की नई फीस व्यवस्था की गड़बड़ियों को रोकने के लिए पहला बड़ा कदम है।
राष्ट्र प्रेस को दिए एक विशेष जवाब में, व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने "आधुनिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति से अधिक हमारे आव्रजन कानूनों को कड़ा करने और अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने के लिए काम किया है।"
प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने एच-1बी वीजा नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों की जांच के लिए हाल ही में शुरू किए गए "प्रोजेक्ट फ़ायरवॉल" पर भी प्रकाश डाला, जिसके तहत उन कंपनियों की जांच की जा रही है जो एच-1बी नियमों का उल्लंघन करती हैं।
वहीं, शुक्रवार को सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा कि वे चिकित्सकीय क्षेत्र को छोड़कर एच-1बी वीजा को सभी क्षेत्रों में प्रतिबंधित करने का विधेयक लाएंगी। उनके अनुसार इससे अमेरिकी लोगों को अधिक नौकरियां उपलब्ध होंगी और वे अपने घर भी खरीद पाएंगे।
सूचना के अनुसार, सरकार की इस नीति के खिलाफ कई मुकदमे भी दायर हुए हैं। 31 अक्टूबर को पांच अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिखकर इस वीजा पर लागू उनके आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
साल 2024 में स्वीकृत कुल एच-1बी वीजाओं में से 70 प्रतिशत से अधिक भारत-जनित कामगारों को मिले, क्योंकि भारत से आने वाले उच्च कौशल वाले आवेदकों की संख्या बहुत अधिक है।