क्या गाजा में भुखमरी के हालात दर्दनाक हैं? ट्रंप का बयान

सारांश
Key Takeaways
- गाजा में भुखमरी की स्थिति गंभीर है।
- ट्रंप ने अमेरिका की सहायता पर चिंता जताई।
- इजरायली प्रधानमंत्री ने सहायता की अनुमति देने का दावा किया।
- सोशल मीडिया पर भुखमरी से जुड़े दृश्य वायरल हुए हैं।
- हामास पर सहायता सामग्री चुराने का आरोप है।
एडिनबर्ग, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को गाजा पट्टी में मानवीय संकट और भुखमरी से जुड़ी मौतों की घटनाओं पर अपनी राय साझा की। ट्रंप ने दुख व्यक्त किया कि अमेरिका ने गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) को कथित तौर पर 6 करोड़ डॉलर का दान दिया, जबकि 'अन्य किसी देश ने कुछ नहीं दिया।'
गाजा में बच्चे भुखमरी के कारण मर रहे हैं। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं। स्कॉटलैंड की चार दिवसीय यात्रा के दौरान ट्रंप से इस विषय पर एक पत्रकार ने प्रश्न किया, तो उन्होंने इन तस्वीरों को 'भयानक' बताया, लेकिन तुरंत अपने बयान को पलटते हुए कहा, "वे लोग खाना चुरा (हड़प) रहे हैं।"
हालांकि ट्रंप ने स्पष्ट नहीं किया कि उनका इशारा किस ओर था, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा संभवतः हामास की ओर था, जिस पर इजरायल अक्सर सहायता सामग्री चुराने का आरोप लगाता रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "ऐसा करने पर आपको थोड़ा बुरा लगता है, और आप जानते हैं, अन्य देश भी कुछ नहीं दे रहे हैं। हमारे अलावा किसी ने कुछ नहीं दिया। हम बहुत सारा पैसा, बहुत सारा खाना, बहुत सारी चीजें दे रहे हैं। सच कहूं तो मुझे लगता है कि अगर हम वहां नहीं होते, तो लोग भूख से मर जाते।"
भुखमरी से जुड़ी मौतों की खबरों पर व्यापक आलोचना के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि यदि वह न होते तो हालात और भी बदतर होते। शनिवार रात गाजा में सहायता प्रणाली में कई बदलावों को मंजूरी देने के साथ ही उन्होंने कहा, "अगर वह न होते, तो गाजा के लोग बहुत पहले ही भूख से मर गए होते।"
ट्रंप की सलाहकार और प्रमुख इवेंजेलिकल पादरी, पाउला व्हाइट द्वारा आयोजित यरुशलम में एक ईसाई सम्मेलन में नेतन्याहू ने कहा, "गाजा में कोई भुखमरी नहीं है।"
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने 'अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निर्धारित मात्रा' में सहायता को गाजा पट्टी में प्रवेश करने की अनुमति दी, जो उनके अनुसार अक्टूबर 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद से करीब 1.9 मिलियन टन राहत सामग्री के बराबर है।
इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, "इजरायल ने युद्ध के पूरे दौरान मानवीय सहायता को सक्षम किया, अन्यथा गाजा में कोई नहीं होता।"