क्या ट्रंप ने इजरायली पीएम नेतन्याहू को सख्त करार दिया?

सारांश
Key Takeaways
- नेतन्याहू को सख्त प्रधानमंत्री माना गया है।
- युद्धविराम को आतंक के युग का अंत बताया गया।
- ट्रंप ने सौहार्द और स्थायी शांति की आशा जताई।
- बंदियों की वापसी को महत्वपूर्ण बताया गया।
- इजराइल और फिलिस्तीन के लिए संकट का दौर खत्म हो गया।
तेल अवीव, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली सांसद में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को सख्त प्रधानमंत्री बताते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि इनसे निपटना आसान नहीं है।
सांसदों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने नेतन्याहू को खड़े होने के लिए कहा। इसके बाद इजरायली प्रधानमंत्री से कहा कि "उनसे निपटना आसान नहीं है... लेकिन यही बात उन्हें महान बनाती है।"
ट्रंप ने कहा कि हमास की कैद के दो "कष्टप्रद" वर्षों के बाद, 20 "साहसी" बंधक अपने प्रियजनों के पास लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 28 अन्य (मृत) बंधक इस "पवित्र भूमि" पर विश्राम करने के लिए घर लौट रहे हैं।
अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम लागू होने को ट्रंप ने 'आतंक के युग' का अंत बताया। ट्रंप ने घोषणा की कि युद्धविराम समझौता गाजा पर इजरायल के युद्ध के साथ-साथ "आतंक और मृत्यु के युग" का भी अंत है।
नेसेट को संबोधित करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा: "यह केवल एक युद्ध का अंत नहीं है। यह आतंक और मृत्यु के युग का अंत है और विश्वास, आशा और ईश्वर के युग की शुरुआत है।"
उन्होंने कहा, "यह इजरायल और उन सभी देशों के लिए एक महान सद्भाव और स्थायी सद्भाव की शुरुआत है जो जल्द ही एक सचमुच शानदार क्षेत्र बन जाएगा। मैं इस पर दृढ़ता से विश्वास करता हूं। यह एक नए मध्य पूर्व का ऐतिहासिक उदय है।"
ट्रंप ने ७ अक्टूबर २०२३ के नरसंहार को दुखदायी बताते हुए कहा कि हमें अब साथ मिलकर संकल्प लेना है कि ये दोबारा नहीं होने देंगे। इजरायली और फिलिस्तीनी दोनों के लिए अब संकट का दौर खत्म हो गया है। भविष्य सुखमय होगा और पूरे मध्य पूर्व में शांति का संचार होगा। उन्होंने आईडीएफ को शुक्रिया कहा जिसने अपनी साहस और ताकत के बूते बेहतरीन काम किया।