क्या ट्रंप ने सोरोस पर 'दंगों की फंडिंग' का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने सोरोस पर विरोध प्रदर्शनों की फंडिंग का आरोप लगाया।
- सोरोस का एनजीओ आरोपों को खारिज करता है।
- रीको अधिनियम के तहत कार्रवाई का खतरा।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस की गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यूएस में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए सोरोस फंडिंग कर रहे हैं। इसी संदर्भ में ट्रंप ने उनसे 'रीको' यानी 'रैकेटियर इन्फ्लुएंस्ड एंड करप्ट ऑर्गेनाइजेशंस' एक्ट के तहत कार्रवाई करने का इशारा किया है। सोरोस के एनजीओ 'ओपन सोसाइटी फाउंडेशन' ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है।
ट्रंप ने सोरोस पर 'दंगों की फंडिंग' का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका प्रशासन सोरोस या उनके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी की जांच कर सकता है। उन्होंने 'डेमोक्रेटिक मेगाडोनर' पर विरोध प्रदर्शनों को वित्तपोषित करने का आरोप लगाया।
फॉक्स न्यूज को दिए गए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, "हम सोरोस की जांच करेंगे, क्योंकि मुझे लगता है कि यह उनके और अन्य लोगों के खिलाफ रीको का मामला है। यह महज विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि कुछ और है।" ट्रंप ने पहले भी इसी तरह के आरोप लगाए थे। उन्होंने सोरोस और उनके बेटे को चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार "आप पर नजर रख रही है।" इतना ही नहीं, उन्होंने पिता-पुत्र की जोड़ी को 'साइकोपैथ का गुट' कहा था।
वाशिंगटन डीसी के एक रेस्त्रां में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। ट्रंप का कहना है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े दानदाता सोरोस ने इस विरोध के लिए धन मुहैया कराया होगा।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोरोस ने 2020 से अब तक डेमोक्रेट्स को करोड़ों डॉलर का दान दिया है। उन्हें 2025 में 'प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम' से नवाजा गया था।
सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "हम लोगों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए पैसे नहीं देते और न ही प्रदर्शनकारियों को सीधे तौर पर प्रशिक्षित या इकट्ठा करते हैं।"
रीको अधिनियम के तहत आरोप आमतौर पर संगठित आपराधिक गतिविधियों, जैसे अवैध सट्टेबाजी और ऋण वसूली के लिए लगाए जाते हैं। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो जेल की सजा या भारी जुर्माना हो सकता है।