क्या रूस को यूक्रेन के साथ तीसरे दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है?

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क्या रूस को यूक्रेन के साथ तीसरे दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है?

सारांश

रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता की उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं। क्रेमलिन ने तीसरे दौर की वार्ता की तारीख जल्द तय होने की संभावना जताई है। क्या ये वार्ता वास्तव में शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी? जानें सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता की संभावनाएँ फिर से जीवित हुई हैं।
  • क्रेमलिन को उम्मीद है कि तीसरे दौर की वार्ता जल्द होगी।
  • यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस की मांगों को अस्वीकार कर दिया है।
  • तारीख तय होने के लिए कीव और अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • शांति की दिशा में यह वार्ता एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

मॉस्को, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रूस और यूक्रेन की लम्बी लड़ाई के बाद अब शांति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। पहले दो दौर की बातचीत लगभग सफल रही और अब क्रेमलिन को उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन वार्ता के तीसरे दौर की तारीख जल्द ही तय हो सकती है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस पर जल्द ही सहमति बन जाएगी। उन्होंने बताया कि वार्ता का कार्यक्रम दोनों पक्षों की सहमति से ही तय किया जा सकता है।

पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है और यह प्रक्रिया आपसी सहमति पर आधारित है। उन्होंने कहा, "यह एक पारस्परिक प्रक्रिया है।"

क्रेमलिन के प्रवक्ता के अनुसार, अगली वार्ता की गति कीव शासन और अमेरिका के मध्यस्थता करने के प्रयासों पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, "जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और उसे ध्यान में रखना जरूरी है।"

रूस-यूक्रेन के बीच पहली बैठक में कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी, जबकि दूसरी बैठक में 6000 यूक्रेनी सैनिकों के शवों की वापसी, बीमार और 25 साल से कम उम्र के कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी।

पहले दौर की वार्ता 16 मई को इस्तांबुल में हुई, जबकि दूसरे दौर में 2 जून को तुर्किए में दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी। पिछली बैठक में यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने सुझाव दिया था कि तीसरी बैठक जून के आखिरी हफ्ते में आयोजित की जाए, लेकिन यह वार्ता नहीं हो पाई।

हालांकि, 2 जून को हुई सहमति के बावजूद रूसी मीडिया ने बताया कि क्रेमलिन ने संघर्ष विराम के लिए दो प्रस्ताव दिए थे, जिनमें यूक्रेनी सेना को चार क्षेत्रों (डोनेत्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया) से हटने की मांग की गई थी, जिन्हें रूस अपना हिस्सा मानता है। इसके अलावा 100 दिनों के भीतर यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव कराने की शर्त रखी गई थी।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इन मांगों को शांति की मंशा के विपरीत बता रहे हैं। उनकी ओर से नए प्रतिबंधों की मांग की गई। जेलेंस्की का मानना है कि ये मांगें वास्तव में यूक्रेन के सरेंडर करने की शर्तें हैं, जिसे वे स्वीकार नहीं करेंगे।

जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेई यरमाक ने जोर देकर कहा, "रूस युद्ध विराम को रोकने और युद्ध जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। अब नए प्रतिबंध लगाना जरूरी है।"

इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने टिप्पणी की कि यूक्रेन में युद्ध का समाधान संघर्ष के मूल कारण को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि रूस लड़ाई को रोकने के लिए तैयार है।

दूसरी ओर, तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने आश्वासन दिया कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संपर्क में हैं और दोनों वार्ता में हिस्सा लेने के इच्छुक हैं।

Point of View

यह वार्ता न केवल रूस और यूक्रेन के लिए बल्कि समस्त यूरोप के लिए महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष आपसी सहमति के आधार पर शांति की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता कब हुई थी?
पहली वार्ता 16 मई को इस्तांबुल में हुई थी, जबकि दूसरी वार्ता 2 जून को तुर्किए में आयोजित की गई थी।
क्या तीसरे दौर की वार्ता की तारीख तय हो गई है?
अभी तक तीसरे दौर की वार्ता की कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन क्रेमलिन ने उम्मीद जताई है कि यह जल्द ही तय हो सकती है।
क्या यूक्रेन ने रूस की मांगों को स्वीकार किया है?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस की मांगों को शांति की मंशा के विपरीत बताया है और नए प्रतिबंधों की मांग की है।