क्या रूस ने यूएन में ट्रंप के गाजा शांति योजना को चुनौती दी? पुतिन और नेतन्याहू ने फोन पर की बात
सारांश
Key Takeaways
- पुतिन और नेतन्याहू के बीच फोन वार्ता हुई।
- गाजा के हालात और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा की गई।
- रूस ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा के लिए प्रस्ताव पेश किया।
- रूस का प्रस्ताव अमेरिकी शांति योजना से भिन्न है।
- युद्धविराम की स्थिति नाज़ुक है।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को फोन के माध्यम से बातचीत की। मॉस्को और यरूशलम ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि की है। पुतिन की पहल के तहत यह वार्ता संपन्न हुई।
इजरायली मीडिया के अनुसार, दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट के मुद्दों पर चर्चा की। क्रेमलिन के अनुसार, पुतिन और नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में संघर्ष विराम के बीच हाल की घटनाओं, ईरान के परमाणु कार्यक्रम की स्थिति, और सीरिया में स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों पर विचार किया।
इजरायली मीडिया के अनुसार, पीएम नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि यह वार्ता राष्ट्रपति पुतिन की पहल पर हुई थी और इससे पहले क्षेत्रीय मुद्दों पर कई चर्चाएं हुई थीं।
गौरतलब है कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा को लेकर अपना प्रस्ताव पेश किया। इसमें रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को पारित करने के अमेरिकी प्रयास को चुनौती दी। कुछ दिनों बाद ही दोनों नेताओं के बीच फोन पर चर्चा हुई है।
इजरायली मीडिया के अनुसार, गाजा को लेकर रूस का प्रस्ताव अमेरिकी शांति योजना से काफी भिन्न है। इसमें कहा गया है कि 'कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों की स्थिति क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है।' इस प्रस्ताव में कई मांगें भी शामिल हैं, जिनमें इजरायली सुरक्षा का पूरी तरह से अतिक्रमण किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के प्रवक्ता ने कहा था कि रूसी योजना ऐसे समय में विभाजन का प्रयास है। इसके गाजा में फिलिस्तीनियों के लिए गंभीर परिणाम होंगे, और इसे पूरी तरह टाला जा सकता है। युद्धविराम नाज़ुक है, और हम सुरक्षा परिषद से एकजुट होकर तत्काल शांति सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।
इजरायली मीडिया के अनुसार, इससे पहले अगस्त में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। उस समय रूस और इजरायल ने कई मुद्दों को सुलझाने के लिए एक साथ काम किया था। अगस्त में हुई टेलीफोनिक बातचीत में भी दोनों नेताओं ने सीरिया और ईरान से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की।