क्या प्रवर्तन निदेशालय ने फगवाड़ा की निर्यात फर्म पर शिकंजा कसा?

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क्या प्रवर्तन निदेशालय ने फगवाड़ा की निर्यात फर्म पर शिकंजा कसा?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने फगवाड़ा में एक निर्यात फर्म पर कार्रवाई की है जिसमें 22 लाख नकद सहित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। क्या ये गतिविधियाँ मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी से जुड़ी हैं? जानें पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • ईडी ने फगवाड़ा में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की।
  • फेमा का उल्लंघन गंभीरता से लिया गया।
  • 22 लाख रुपए की नकद राशि जब्त की गई।
  • कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी बरामद हुए।
  • जांच जारी है, कानूनी कार्रवाई की संभावना।

जालंधर, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के उल्लंघन के आरोप में पंजाब के फगवाड़ा में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। शुक्रवार को ईडी की जालंधर क्षेत्रीय टीम ने फगवाड़ा स्थित इंजीनियरिंग निर्यात फर्म मेसर्स ओपल इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (ओईसी) से जुड़े चार परिसरों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया।

जांच के दौरान पता चला कि इस फर्म ने सीरिया, ईरान, तुर्की और कोलंबिया जैसे देशों को माल निर्यात किया, लेकिन निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किए बिना असंबंधित तीसरे पक्षों से भुगतान प्राप्त कर फेमा का गंभीर उल्लंघन किया। ईडी ने 22 लाख रुपए नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। जांच जारी है और फर्म के मालिकों पर कानूनी कार्रवाई की संभावना है।

ईडी की प्रारंभिक जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि ओपल इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन ने विदेशी खरीदारों को इंजीनियरिंग सामान भेजा, लेकिन निर्यात आय आरबीआई के मास्टर सर्कुलर और फेमा नियमों के तहत अधिकृत चैनलों से नहीं आई। इसके बजाए, फर्म ने फर्जी कस्टम्स ईमेल पते का इस्तेमाल कर दस्तावेजों की प्रामाणिकता का झूठा दावा किया। सबूतों से स्पष्ट हुआ कि भारत और विदेश दोनों जगह निर्यात लेनदेन नकद में किए गए, जो विदेशी मुद्रा नियमन का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसे लेनदेन हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी की संभावना को बढ़ाते हैं। ईडी को शक है कि यह राशि काले धन को सफेद करने या अवैध व्यापार के लिए इस्तेमाल की जा रही थी।

तलाशी के दौरान, ईडी अधिकारियों ने फर्म के मुख्य कार्यालय, गोदाम और मालिकों के आवासीय परिसरों की गहन जांच की। 22 लाख रुपए की भारतीय मुद्रा नकद बरामद हुई, जो बिना हिसाब-किताब के रखी गई थी। इसके अलावा, बैंक स्टेटमेंट, निर्यात बिल, फर्जी ईमेल प्रिंटआउट, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव जैसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी जब्त किए गए। ये दस्तावेज फर्म के विदेशी लेनदेन की वास्तविक तस्वीर उजागर कर सकते हैं। ईडी ने सभी जब्त सामग्री को सील कर आगे की फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

Point of View

बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे कुछ कंपनियां कानून के दायरे से बाहर जाकर अपने फायदे के लिए काम कर रही हैं। देश की अर्थव्यवस्था और कानून-व्यवस्था की सुरक्षा के लिए ऐसे मामलों की जांच आवश्यक है।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किस फर्म पर कार्रवाई की?
ईडी ने मेसर्स ओपल इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (ओईसी) पर कार्रवाई की है।
कितनी राशि जब्त की गई है?
22 लाख रुपए नकद जब्त किए गए हैं।
फर्म ने किन देशों को निर्यात किया?
सीरिया, ईरान, तुर्की और कोलंबिया को माल निर्यात किया गया।
क्या दस्तावेज जब्त किए गए?
ईडी ने आपत्तिजनक दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं।
क्या यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है?
हां, जांच में मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी की आशंका जताई गई है।
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