क्या उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने सीएजी को भारत की 'नैतिक संपदा' का संरक्षक बताया?

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क्या उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने सीएजी को भारत की 'नैतिक संपदा' का संरक्षक बताया?

सारांश

उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने भारत की नैतिक संपदा को सुरक्षा देने के लिए सीएजी की भूमिका को सराहा। उन्होंने जवाबदेही और पारदर्शिता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सीएजी आने वाले समय में प्रभावी शासन के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

Key Takeaways

  • सीएजी को भारत की नैतिक संपदा का संरक्षक माना गया है।
  • जवाबदेही और पारदर्शिता का महत्व बढ़ा है।
  • सीएजी का वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ी है।
  • 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य की दिशा में सीएजी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
  • मीडिया का सकारात्मक विकास में योगदान आवश्यक है।

नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने रविवार को भारत की नैतिक संपदा को संरक्षित रखने के लिए जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के योगदान की भी सराहना की।

लेखापरीक्षा दिवस समारोह 2025 में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, उपराष्ट्रपति ने सीएजी की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की और इसे 'जनता के खजाने का संरक्षक' बताया।

उन्होंने कहा कि लेखापरीक्षा में निष्पक्षता और सत्य को बनाए रखते हुए, सीएजी जवाबदेही, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा, भारत की नैतिक संपदा का एक स्तंभ है।

राधाकृष्णन ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के लिए "एक राष्ट्र, एक वस्तु व्यय शीर्ष" अधिसूचित करने के लिए सीएजी की भी सराहना की। यह सुधार सरकारी व्यय की पारदर्शिता और तुलनात्मकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।

उपराष्ट्रपति ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए बाह्य लेखा परीक्षक के रूप में सीएजी की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएजी वर्तमान में एशियाई सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों के संगठन (एएसओएसएआई) की अध्यक्षता कर रहे हैं, यह भारत के अनुयायी से वैश्विक नेता के रूप में उभरने की यात्रा का प्रमाण है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, "जैसे-जैसे देश 'विकसित भारत 2047' के विजन की ओर बढ़ रहा है, सीएजी प्रभावी शासन के लिए राजकोषीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में एक प्रमुख भागीदार बना रहेगा।"

उन्होंने अधिकारियों से सार्वजनिक व्यय में पारदर्शिता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपने कौशल और लेखा परीक्षा क्षमताओं को निरंतर उन्नत करने का आग्रह किया, ताकि जनता का पैसा जन कल्याण के लिए उपयोग किया जा सके।

दिल्ली में एक अलग मीडिया पुरस्कार समारोह में, उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय पर्यटन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी को सम्मानित किया। अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति ने कहा कि सिनेमा और राजनीति दो बिल्कुल अलग दुनियाएं हैं, लेकिन एक बात समान है - दोनों ही अनिश्चित क्षेत्र हैं। उन्होंने दोनों में बने रहने और सफल होने के लिए सुरेश गोपी की सराहना की।

उपराष्ट्रपति ने युवाओं में आशावाद को प्रेरित करने के लिए देश के सकारात्मक विकास को उजागर करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता बेजुबानों को आवाज देती है और जागरूकता फैलाकर और जिम्मेदार सार्वजनिक संवाद को आकार देकर नशा मुक्त समाज बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

Point of View

NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

उपराष्ट्रपति ने सीएजी की भूमिका पर क्या कहा?
उपराष्ट्रपति ने सीएजी को भारत की नैतिक संपदा का संरक्षक बताया और इसकी जवाबदेही, पारदर्शिता और ईमानदारी के महत्व पर जोर दिया।
क्या सीएजी भारत के विकास में योगदान कर रहा है?
हां, सीएजी सरकारी व्यय की पारदर्शिता और तुलनात्मकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सीएजी वैश्विक स्तर पर कैसे प्रतिष्ठित है?
सीएजी ने डब्ल्यूएचओ और आईएलओ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए बाह्य लेखा परीक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
उपराष्ट्रपति का 'विकसित भारत 2047' पर क्या दृष्टिकोण है?
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीएजी आने वाले समय में प्रभावी शासन के लिए राजकोषीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रहेगा।
मीडिया की भूमिका पर उपराष्ट्रपति ने क्या कहा?
उपराष्ट्रपति ने मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया, जो युवाओं में आशावाद को प्रेरित करती है और जागरूकता फैलाती है।
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