क्या मनीष ग्रोवर ने कांग्रेस को दी नसीहत, 'मतदाताओं का अपमान नहीं, आत्मचिंतन करें'?
सारांश
Key Takeaways
- मतदाताओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
- कांग्रेस को आत्मचिंतन की आवश्यकता है।
- भाजपा ने बिहार चुनाव में शानदार जीत हासिल की।
- लोकतंत्र में मतदाताओं का सम्मान होना चाहिए।
- हार की जिम्मेदारी स्वीकार करने की आवश्यकता है।
जिंद, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनावों में एनडीए की शानदार जीत और महागठबंधन के कमजोर प्रदर्शन के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इस संदर्भ में, हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर ने रविवार को हरियाणा के जिंद में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
मनीष ग्रोवर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बिहार चुनाव परिणामों के बाद चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस और महागठबंधन के नेता मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस नेताओं को अपनी कमियों पर आत्मचिंतन करना चाहिए, न कि चुनाव आयोग और मतदाताओं पर सवाल उठाना चाहिए। उनका कहना था कि जब कोई नेता चुनाव आयोग पर उंगली उठाता है, तो वह उन लाखों मतदाताओं का अपमान करता है, जिन्होंने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग किया। मतदाताओं पर सवाल उठाकर, कांग्रेस नेता उन वोटरों का भी अपमान कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें वोट दिया। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस सांसद चौधरी दीपेंद्र सिंह हुड्डा का उदाहरण देते हुए मनीष ग्रोवर ने कहा कि उन्होंने लोकसभा का चुनाव 4.50 लाख वोटों से जीता था। क्या इसका मतलब है कि आपने चोरी के वोटों से चुनाव जीता? यदि कांग्रेस इस तरह मतदाताओं का अपमान करती रही, तो जनता भी उन्हें उसी तरह जवाब देगी।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस नेताओं की आदत है कि वे हार की जिम्मेदारी स्वीकारने के बजाय जनादेश पर सवाल उठाते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की। दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 85 सीटों के साथ है। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत दर्ज की, जो एनडीए में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी और पूरे बिहार में चौथे नंबर की पार्टी रही। मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 25 सीटें मिलीं।