क्या शीत्सांग के पहले सौर तापीय विद्युत संयंत्र के ऊष्मा-अवशोषक टावर का शिखर-स्थापना सफल हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- शीत्सांग का ऊष्मा-अवशोषक टावर 185 मीटर ऊंचा है।
- यह समुद्र सतह से 4,650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
- परियोजना में 16,000 हेलियोस्टैट लगाए जा रहे हैं।
- यह परियोजना 2026 में चालू होने की योजना है।
- यह विश्व का सबसे ऊंचाई वाला टावर सौर तापीय विद्युत संयंत्र है।
बीजिंग, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शीत्सांग के नाछ्य्वी शहर की आंत्वो काउंटी के थुरो गांव में स्थापित हो रहे '100 मेगावाट सौर तापीय + 800 मेगावाट फोटोवोल्टिक' एकीकृत परियोजना ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। इस परियोजना के मुख्य ढांचे, ऊष्मा-अवशोषक टावर, का शिखर-स्थापना कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो गया।
यह 185 मीटर ऊंचा टावर समुद्र सतह से 4,650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण कार्य 26 मार्च को आरंभ हुआ था और 15 नवंबर को इसका शिखर-स्थापना कार्य समाप्त हुआ।
कुल 233 दिनों के रिकॉर्ड समय में यह चरण पूर्ण हुआ, जिससे यह ऊष्मा-अवशोषण टावर निर्माण का सबसे तेज़ रिकॉर्ड बन गया।
टावर के आस-पास लगभग 16,000 हेलियोस्टैट लगाए जा रहे हैं, जिनका कुल प्रकाश-संग्रहण क्षेत्र 8 लाख वर्ग मीटर से अधिक है। परियोजना अगले साल मार्च तक पूर्ण रूप से विकसित होगी, जबकि टावर के शीर्ष पर ऊष्मा-अवशोषक इकाई को अप्रैल में स्थापित करने की योजना है।
यह संयंत्र शीत्सांग की '14वीं पंचवर्षीय योजना' (2021–2025) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे अक्टूबर 2026 में चालू करने की योजना है।
यह सौर तापीय परियोजना शीत्सांग की पहली टावर आधारित सौर तापीय विद्युत परियोजना है और अपनी अत्यधिक ऊंचाई के कारण यह विश्व का सबसे ऊंचाई वाला टावर सौर तापीय विद्युत संयंत्र बन गया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)