क्या महुआ माजी का सवाल बिहार चुनाव में सही है? 'जनता से ज्यादा वोटिंग हुई, जांच जरूरी', ओवैसी के बयान पर दी सहमति
सारांश
Key Takeaways
- महुआ माजी ने बिहार चुनाव में वोटिंग पर सवाल उठाए।
- ओवैसी के बयान पर सहमति जताई।
- डबल इंजन सरकार के फायदे पर चिंता व्यक्त की।
- लालू परिवार के मुद्दे को पारिवारिक मानते हैं।
- हेमंत सोरेन को राष्ट्रीय स्तर पर मानते हैं।
रांची, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में एनडीए की जीत के बाद जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने रविवार को कई मुद्दों पर अपनी राय प्रस्तुत की। उन्होंने न केवल चुनाव परिणामों पर प्रश्न उठाए, बल्कि लालू परिवार में चल रही अंतर्विरोध और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी पर भी चर्चा की।
महुआ माजी ने एनडीए की जीत पर कहा कि चुनाव परिणाम कभी किसी के पक्ष में होते हैं, कभी किसी के। लेकिन, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार के होने से सत्ताधारी पार्टी को विशेष लाभ मिलता है। चुनावों से पहले 10-10 हजार रुपए लोगों के खाते में डालने और विभिन्न प्रकार की सौगातें देने का काम सत्ता में रहने वालों के लिए आसान होता है। विपक्ष इन सभी चीजों से वंचित रहता है।
सांसद ने वोटों की गिनती को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई बातें सामने आ रही हैं, और कहा जा रहा है कि जनता से ज्यादा वोटिंग हुई। इस संबंध में संदेह है और यह सब जांच का विषय है। यदि कोई विवाद है, तो उसके बाद सच सामने आना चाहिए।
लालू परिवार में चल रहे अंतर्विरोध और रोहिणी आचार्य के बयान पर महुआ माजी ने कहा कि यह एक पारिवारिक मामला है, इसलिए इस पर राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हार के बाद समीक्षा होती है, और ऐसे समय में कई बार भावनाओं में बहकर कोई बयान आ जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उस पर टिके रहें। समय के साथ सब कुछ सामान्य हो जाता है, और कमियां स्पष्ट होती हैं। राजनीति में यह सब चलता रहता है।
महागठबंधन से झामुमो की दूरी पर सवाल पूछे जाने पर महुआ माजी ने कहा कि हेमंत सोरेन का कद राष्ट्रीय स्तर पर है। उन्होंने कहा कि यदि हेमंत सोरेन गठबंधन में होते और बिहार में चुनाव प्रचार करते, तो महागठबंधन का परिणाम बेहतर होता।
कांग्रेस पार्टी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की टिप्पणी पर महुआ माजी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं आहत होती हैं।
महुआ माजी ने ओवैसी के इस बयान पर सहमति जताई कि भाजपा को रोकने की जिम्मेदारी अकेले मुस्लिमों की नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे लोकतंत्र को मजबूत करें। हमारा देश राजतंत्र की ओर बढ़ रहा है, जो अत्यंत खतरनाक है। एक हाथ में सत्ता का केंद्रीकरण तानाशाही को जन्म देता है। झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन ने इस दिशा में एक मजबूत भूमिका निभाई है।