क्या शोभना समर्थ ने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए फिल्मों में कदम रखा? आज उनकी नातिन भी कर रही हैं पर्दे पर राज
सारांश
Key Takeaways
- शोभना समर्थ ने अपने कठिन समय में फिल्मों में कदम रखा।
- उनकी फिल्म 'राम राज्य' ने उन्हें पहचान दिलाई।
- उनकी नातिन काजोल आज भी पर्दे पर राज कर रही हैं।
मुंबई, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उस समय जब महिलाओं को अपनी मर्जी से घर से बाहर निकलने की स्वतंत्रता नहीं थी, तब प्रसिद्ध अभिनेत्री शोभना समर्थ अपनी खूबसूरती और अदाकारी से प्रशंसकों का दिल जीत रही थीं।
उनका जन्म 17 नवंबर 1916 को बॉम्बे (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। उनकी माँ रतनबाई शिलोत्री पहले से ही मराठी सिनेमा में सक्रिय थीं और गायन करती थीं, जबकि उनके पिता प्रभाकर शिलोत्री बैंक में काम करते थे।
शोभना का असली नाम सरोज शिलोत्री था। उनका प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। पिता की मृत्यु के बाद, वे अपनी माँ के साथ बॉम्बे में मामा के घर आ गईं और वहीं कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की। आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने फिल्मों में कदम रखा।
उनके मामा ने फिल्मों में काम करने का विरोध किया, क्योंकि उस समय फिल्मों में काम करने वाली लड़कियों को गलत नजर से देखा जाता था। उस समय रंगमंच या फिल्मों में महिलाओं के रोल के लिए पुरुष ही महिला का रूप धारण करते थे।
इस पेशे में न तो अच्छा वेतन था और न ही सम्मान। इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए शोभना ने फिल्मों में कदम रखा।
शोभना ने 1935 में आई फिल्म 'निगाह-ए-नफरत' से अपने करियर की शुरुआत की। हालाँकि फिल्म असफल रही, लेकिन शोभना को पहली ही फिल्म से चर्चा में आ गईं। उन्होंने 1943 में आई प्रसिद्ध फिल्म 'राम राज्य' में मां सीता का किरदार निभाकर पहचान बनाई।
उन्होंने फिल्म निर्देशक कुमारसेन समर्थ से विवाह किया और चार बच्चों के माता-पिता बने। उनकी बेटियाँ नूतन और तनुजा, दोनों 1950-1980 के दशक की शीर्ष अभिनेत्रियाँ रहीं। आज उनकी नातिन काजोल भी मशहूर अभिनेत्री हैं और पर्दे पर उनका जादू कायम है।