क्या भारत यूरोप के साथ-साथ यूरेशियन आर्थिक संघ से भी एफटीए के लिए बातचीत कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने यूरोप और अमेरिका के साथ एफटीए की बातचीत शुरू की है।
- यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ भी वार्ता चल रही है।
- यह कदम भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
- 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
- मुख्य क्षेत्रों में फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार और ऑटोमोबाइल शामिल हैं।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूरोप और अमेरिका के साथ-साथ यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) से भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत कर रहा है। इसकी प्रगति की समीक्षा वाणिज्य सचिव की ओर से रविवार को की गई। यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई।
मंत्रालय ने कहा कि वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने मॉस्को में कई बैठकों में भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की प्रगति की समीक्षा की। वाणिज्य सचिव ने यूरेशियन आर्थिक आयोग के व्यापार प्रभारी मंत्री आंद्रे स्लेपनेव और रूसी संघ के उद्योग एवं व्यापार उप मंत्री मिखाइल युरिन से मुलाकात की और भारतीय एवं रूसी उद्योग जगत के सदस्यों के साथ एक व्यावसायिक नेटवर्किंग पूर्ण अधिवेशन को भी संबोधित किया।
बयान में आगे कहा गया कि व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भारत-रूस वर्किंग ग्रुप के परिणामों पर आधारित चर्चाएं विविधीकरण, लचीली सप्लाई चेन्स को मजबूत करने, नियामक पूर्वानुमान सुनिश्चित करने और साझेदारी में संतुलित विकास को बढ़ावा देने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ीं। इन प्रयासों के जरिए कोशिश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, उप मंत्री मिखाइल युरिन के साथ अपनी चर्चाओं में, वाणिज्य सचिव ने व्यापार विविधीकरण, आपूर्ति-श्रृंखला की सुदृढ़ता और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार उपकरण, मशीनरी, चमड़ा, ऑटोमोबाइल और रसायन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समयबद्ध मार्ग पर चर्चा की। प्रमाणन आवश्यकताओं, कृषि और समुद्री व्यवसायों की सूचीकरण, एकाधिकार प्रथाओं की रोकथाम और अन्य गैर-टैरिफ मुद्दों को संबोधित करने के लिए तिमाही नियामक-से-नियामक संपर्क पर सहमति बनी। इस वार्ता में दोनों देशों की फर्मों के लिए पूर्वानुमान और व्यापार सुगमता में सुधार हेतु रसद, भुगतान और मानकों से संबंधित व्यावहारिक उपायों पर भी चर्चा हुई।
भारत मौजूदा समय में अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ एफटीए करने के लिए सक्रिय रूप से बातचित कर रहा है। भारत की दुनिया की दोनों प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ जल्द ट्रेड डील होने की संभावना है।