क्या उत्तर कोरिया ने जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर प्रतिक्रिया दी?

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क्या उत्तर कोरिया ने जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर प्रतिक्रिया दी?

सारांश

उत्तर कोरिया ने जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर कड़ा विरोध करते हुए इसे 'युद्ध की तैयारी' का कदम कहा। इस रिपोर्ट में उत्तर कोरिया को 'खतरा' बताया गया है। जानें इस विवाद की गहराई और क्षेत्र में तनाव के बढ़ने की संभावनाएं।

Key Takeaways

  • उत्तर कोरिया ने जापान की सैन्य नीति पर कड़ा विरोध किया है।
  • जापान के रक्षा श्वेत पत्र में उत्तर कोरिया को खतरा बताया गया है।
  • क्षेत्रीय शांति के लिए संवाद आवश्यक है।

सोल, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया ने जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर कड़ा विरोध दर्ज किया है। इस रक्षा रिपोर्ट में उत्तर कोरिया को 'खतरा' बताया गया है। नाराज विदेश मंत्रालय ने इसे 'युद्ध की तैयारी' और आक्रामक इरादों वाला कदम करार दिया है।

उत्तर कोरिया ने जापान पर आरोप लगाया कि यह अपने सैन्य शक्ति को बढ़ाने के प्रयास को छुपाने के लिए ऐसा कर रहा है।

नॉर्थ कोरियाई विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले द इंस्टीट्यूट फॉर जापान स्टडीज ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के माध्यम से बयान जारी कर जापान के रक्षा श्वेत पत्र की निंदा की। यह श्वेत पत्र तीन दिन पहले जापान ने जारी किया था।

इस पत्र में उत्तर कोरिया, रूस और चीन को जापान के लिए 'गंभीर खतरा' बताया गया है। इसके अलावा, उत्तर कोरिया को रूस से सैन्य सहयोग के बदले परमाणु और मिसाइल तकनीक मिलने की संभावना पर 'गहरी चिंता' व्यक्त की गई।

उत्तर कोरिया ने अपने बयान में जापान पर फिर से आक्रमण की महत्वाकांक्षा रखने और पूर्वव्यापी स्ट्राइक क्षमता हासिल करने का आरोप लगाया, जिसमें हाल के वर्षों में स्वदेशी लंबी दूरी की मिसाइलों का विकास और विदेश से ऐसी मिसाइलों की खरीद का हवाला दिया गया।

योनहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार, बयान में जापान के रक्षा श्वेत पत्र को 'पुन: आक्रमण की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए युद्ध का माहौल पैदा करने' की सोच करार दिया गया और चेतावनी दी गई कि जापान का सैन्य महाशक्ति बनने का प्रयास क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डालता है, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बयान में कहा गया, "यह जापान की धमकी भरी सत्ता को छिपाने और क्षेत्रीय स्थिति को धीरे-धीरे बढ़ाने वाली उसकी लापरवाह हरकतों को उचित ठहराने का बेशर्मी भरा तर्क है, ताकि पूरे द्वीपसमूह को अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति के लिए सैन्य चौकी और लॉजिस्टिक आधार बनाया जा सके।"

बयान में दावा किया गया कि जापान अब लंबी दूरी के हमले और ट्रांस-डोमेन ऑपरेशन की क्षमता सहित आक्रामक युद्ध की क्षमता विकसित करने में जुटा है और यह मात्र अस्थायी प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि 'शांति राज्य' की पहले की नीति से हटकर सैन्य नीति का पुन: अभिविन्यास है।

बयान में यह भी कहा गया, "वर्तमान घटनाक्रम एक बार फिर साबित करता है कि (उत्तर कोरिया) द्वारा अपनी परमाणु युद्ध निरोधक क्षमता को मजबूत करने के प्रयास अमेरिका और उसके सहयोगियों के उकसावे को सख्ती से दबाने में एक अनिवार्य योगदान के रूप में काम करते हैं।"

केसीएनए ने एक अलग टिप्पणी में जापान, यूनाइटेड किंगडम और इटली के संयुक्त अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट विकसित करने के प्रोजेक्ट की आलोचना की और इसे जापान के 'युद्ध गठबंधन' को बहाल करने का प्रयास बताया।

केसीएनए ने कहा, "जापान का सैन्य आधुनिकीकरण का षड्यंत्र अपने 'युद्ध गठबंधन' को बहाल करके पिछले साम्राज्यवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश में निहित है।"

उन्होंने दावा किया कि यह संयुक्त लड़ाकू जेट प्रोजेक्ट आक्रामक युद्ध शुरू करने का रास्ता तैयार करता है।

Point of View

लेकिन जापान का सुरक्षा दृष्टिकोण भी मजबूत है। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए दोनों पक्षों को संवाद और सहयोग की दिशा में बढ़ना होगा।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर कोरिया ने जापान के रक्षा श्वेत पत्र पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर कोरिया ने इसे 'युद्ध की तैयारी' और आक्रामक इरादों वाला कदम बताया है।
जापान के रक्षा श्वेत पत्र में क्या कहा गया है?
इसमें उत्तर कोरिया, रूस और चीन को गंभीर खतरा बताया गया है।
क्या जापान सैन्य ताकत बनने की कोशिश कर रहा है?
उत्तर कोरिया का आरोप है कि जापान अपने सैन्य शक्ति को बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।