क्या उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है?: केसी वेणुगोपाल

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में दलितों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ हैं।
- कांग्रेस महासचिव ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं।
- कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।
- संविधान दलितों के अधिकारों की रक्षा करता है।
- राजनीतिक दलों को इस स्थिति का सामना करना होगा।
नई दिल्ली, ६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक दलित युवक की नृशंस हत्या ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना पर कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपालअत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह प्रदेश दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े समुदायों के लिए नर्क में बदल गया है। जब कुछ हैवान एक दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर रहे हैं और गर्व से कह रहे हैं कि वे 'बाबा वाले लोग' हैं।
उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का हाल देखकर ऐसा लगता है जैसे ऐसे अत्याचारों को मुख्यमंत्री योगी का आशीर्वाद प्राप्त है। फिर वे चुप क्यों हैं?
वेणुगोपाल ने कहा कि पीड़ित के आखिरी समय में उन्होंने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधीआशा की एकमात्र किरण हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यह स्पष्ट है कि भाजपा-संघ शासन ने दलितों और शोषितों पर हमला करने वालों को खुली छूट दे रखी है। एक बात स्पष्ट है कि बाबासाहेब का संविधान इन 'बाबा वाले लोगों' के खिलाफ एक ढाल है, जो पिछड़ों और वंचितों को अपमानित करने और गुलाम बनाने पर तुले हैं।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) ने कहा कि संविधान को बचाने की हमारी लड़ाई हरिओम जैसे निर्दोष लोगों की रक्षा की लड़ाई है और हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक अपराधियों को सजा नहीं मिल जाती और न्याय नहीं होता।