क्या 1.2 मीट्रिक टन 'गढ़वाली सेब' की पहली खेप देहरादून से दुबई के लिए रवाना हुई?

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क्या 1.2 मीट्रिक टन 'गढ़वाली सेब' की पहली खेप देहरादून से दुबई के लिए रवाना हुई?

सारांश

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली सेब की पहली खेप दुबई के लिए रवाना की गई है। यह कदम भारतीय कृषि उत्पादों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। जानें इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में।

Key Takeaways

  • गढ़वाली सेब की पहली खेप दुबई के लिए रवाना हुई।
  • एपीडा ने इस पहल का संचालन किया है।
  • यह कदम भारतीय कृषि उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा।
  • किसानों को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना है।
  • मोदी सरकार लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियों को दूर कर रही है।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने जानकारी दी है कि भारत सरकार के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल की अध्यक्षता में गढ़वाली सेब (किंग रोट प्रजाति) की पहली खेप दुबई के लिए रवाना की गई है।

एपीडा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया, "उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के सेब अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपलब्ध होंगे।"

इस पोस्ट में बताया गया कि संयुक्त अरब अमीरात में प्रचार के लिए 1.2 मीट्रिक टन गढ़वाली सेब की यह पहली परीक्षण खेप, एलयूएलयू ग्रुप के सहयोग से, वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल द्वारा देहरादून से भेजी गई है।

इससे पहले, इस वर्ष जून में जम्मू-कश्मीर से प्रीमियम चेरी की पहली वाणिज्यिक खेप सऊदी अरब और यूएई के लिए भेजी गई थी। केंद्रीय वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा था कि यह 'चेरी किसानों' के लिए एक बड़ा बाजार खोलेगा और उन्हें उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने लिखा, "यह एक खुशी का विषय है। जम्मू-कश्मीर से प्रीमियम चेरी की पहली वाणिज्यिक खेप सऊदी अरब और यूएई के लिए रवाना हुई है।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार भारत को प्रीमियम कृषि उत्पादों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स से जुड़ी चुनौतियों को दूर कर रही है। इसे 'वोकल फॉर लोकल' के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा गया है।

अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों और व्यापारियों से 'वोकल फॉर लोकल' पहल के तहत स्वदेशी उत्पादों का समर्थन करने का अनुरोध किया।

उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देशभर के व्यापारियों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को मजबूती के साथ अपनाएं और उनका प्रचार करें, ताकि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य साकार हो सके।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

गढ़वाली सेब की पहली खेप कब रवाना हुई?
1.2 मीट्रिक टन गढ़वाली सेब की पहली खेप 22 अगस्त को रवाना हुई।
इस खेप का गंतव्य कौन सा है?
इस खेप का गंतव्य दुबई है।
गढ़वाली सेब का क्या महत्व है?
गढ़वाली सेब, विशेष रूप से किंग रोट प्रजाति, अपने स्वाद और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है।
यह पहल किसके द्वारा की गई है?
यह पहल कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा की गई है।
क्या इससे किसानों को लाभ होगा?
हां, यह पहल किसानों के लिए एक बड़ा बाजार खोलेगी और उन्हें उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।