क्या हेमंत सरकार 10 लाख नौकरियों का वादा पूरा कर पाएगी, या सिर्फ 10 हजार नियुक्तियों को उपलब्धि मानती है?: आदित्य साहू
सारांश
Key Takeaways
- 10 लाख नौकरियों का वादा, लेकिन 10 हजार नियुक्तियां।
- सरकार पर भ्रष्टाचार और भ्रम फैलाने के आरोप।
- युवाओं की बढ़ती निराशा और बेरोजगारी का मुद्दा।
- राजनीतिक पारदर्शिता की आवश्यकता।
- सरकार को निष्कर्ष पर पहुंचने की आवश्यकता।
रांची, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल विज्ञापनों और बड़े आयोजनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने में लगी है, जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है।
साहू ने आरोप लगाया कि सरकार जिन लगभग दस हजार नियुक्तियों का जिक्र कर रही है, उनमें से अधिकांश रिक्तियां पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय निकाली गई थीं। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने इन नियुक्तियों को वर्षों तक कानूनी प्रक्रियाओं में उलझाए रखा और अब इन्हें अपनी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “महागठबंधन की सरकार योजनाओं को लटकाने, भटकाने और अटकाने में अधिक विश्वास रखती है। जनता के कल्याण से इसका कोई लेना-देना नहीं है।”
भाजपा नेता ने कहा कि जो सरकार चुनाव से पहले 10 लाख नौकरियों का वादा कर सत्ता में आई, वह अब 10 हजार से भी कम नियुक्ति पत्र वितरण को उपलब्धि के रूप में मना रही है। उन्होंने दावा किया कि सत्ता संभालने के बाद राज्य सरकार ने दो लाख से अधिक सरकारी पद समाप्त कर दिए। साहू ने कहा कि आज सरकार को नियुक्ति पत्र नहीं, बल्कि पद समाप्ति पत्र बांटना चाहिए था।
उन्होंने राज्य में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि युवा हताश और निराश हैं। जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में कथित अनियमितताएं हुईं, लेकिन सरकार इस पर ठोस कार्रवाई और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ते की चर्चा तक सरकार नहीं कर रही, जबकि यह उनकी चुनावी घोषणा का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
साहू ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा घोषित परीक्षा कैलेंडर का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह बेरोजगार युवाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को ठोस नीति, स्पष्ट रोडमैप और समयबद्ध नियुक्तियों की उम्मीद है, न कि ऐसे समारोहों और सरकारी विज्ञापनों की। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार को प्रचार-प्रसार से बाहर निकलकर रोजगार सृजन और पारदर्शी भर्ती प्रक्रियाओं पर गंभीरता से काम करना चाहिए, ताकि राज्य के युवाओं का भरोसा बहाल हो सके।