क्या भारतीय किसान यूनियन 17 अक्टूबर को सूरजपुर में महापंचायत आयोजित करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- महापंचायत का आयोजन 17 अक्टूबर को होगा।
- किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होंगे।
- सरकार को किसानों की मांगों पर ध्यान देना आवश्यक है।
- किसानों की समस्याएँ वर्षों से लंबित हैं।
- महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे।
ग्रेटर नोएडा, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) आगामी 17 अक्टूबर को गौतम बुद्ध नगर जिला मुख्यालय सूरजपुर में एक भव्य महापंचायत का आयोजन करने जा रही है। इस महापंचायत का उद्देश्य किसानों की लंबित समस्याओं को उठाना और सरकार के समक्ष अपनी आवाज प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना है। इस संदर्भ में सोमवार को अंसल हाउसिंग स्थित कैंप कार्यालय में बैठक आयोजित की गई, जिसमें तैयारियों का खाका तैयार किया गया।
बैठक की अध्यक्षता राजाराम ने की, और संचालन का कार्य रॉबिन नागर और मटरू नागर ने मिलकर किया। इस अवसर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सभी किसान जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे। गौतम बुद्ध नगर में भी किसान ट्रैक्टरों के साथ सूरजपुर कलेक्ट्रेट पहुँचकर ज्ञापन सौंपेंगे।
पवन खटाना ने बताया कि जिले में किसानों की कई समस्याएं वर्षों से अनसुलझी हैं। गौतम बुद्ध नगर का सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव अधिकारियों के आश्वासन के बाद 3-4 महीने पहले भेजा गया था, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा, किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट और आबादी निस्तारण का लाभ भी अब तक नहीं मिला है।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने कहा कि जिले के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, जबकि उद्योगों में बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की पुरानी आबादियों का अधिग्रहण कर लिया गया है, लेकिन उनका निस्तारण अभी तक नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीण असमंजस में हैं।
मेरठ मंडल के महासचिव अनित कसाना ने जेवर एयरपोर्ट के विस्थापित गांवों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को समानुपातिक मुआवजा दिया जाए और प्रत्येक घर के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर शीघ्र सुनवाई नहीं की, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख रूप से राजीव मलिक, कपिल तंवर, और चिराग बैसला समेत सैकड़ों किसान कार्यकर्ता मौजूद रहे। किसान नेताओं ने कहा कि 17 अक्टूबर की महापंचायत जिले के इतिहास में सबसे बड़ी जनशक्ति का प्रदर्शन होगी और यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।