क्या दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे में फर्जी डकैती का मामला सुलझा लिया?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे में मामले का खुलासा किया।
- फर्जी डकैती की कहानी की जांच की गई।
- आरोपी गिरफ्तार किए गए और सामान बरामद किया गया।
- पुलिस ने तकनीकी और मैनुअल जांच द्वारा काम किया।
- आरोपियों ने मोबाइल फोन बेचकर पैसे बाँटने की योजना बनाई थी।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने मात्र 24 घंटे में फर्जी डकैती के मामले को सुलझाते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने लगभग 20 लाख रुपए की कीमत के महंगे मोबाइल फोन की हेराफेरी करने के लिए बंदूक के बल पर फर्जी डकैती की कहानी बनाई थी। पुलिस ने इस मामले में सभी सामान बरामद कर लिया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, थाना शकरपुर के अंतर्गत विकास मार्ग के पास एक पीसीआर कॉल आई थी, जिसमें 20 लाख रुपए मूल्य के महंगे मोबाइल फोन की लूट का उल्लेख था। कूरियर बॉय आशीष कुमार ने बताया कि जब वह अपने स्कूटर से करोल बाग में मोबाइल फोन डिलीवर कर रहा था, तो विकास मार्ग फ्लाईओवर के पास दो अज्ञात व्यक्तियों ने उसे बंदूक दिखाकर रोका और उसके बैकपैक में रखे 25 मोबाइल फोन (14 आईफोन 17 और 10 वनप्लस) छीन लिए।
शिकायत के आधार पर शकरपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई, और मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ को तुरंत सक्रिय किया गया। एक टीम बनाई गई जो तकनीकी और मैनुअल जांच कर रही थी, जिसमें कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। हालांकि, जांच के दौरान शिकायतकर्ता के बयान में कई विसंगतियां पाई गईं। तकनीकी निगरानी से पता चला कि डकैती की कहानी संदिग्ध थी। पूछताछ में आशीष कुमार ने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी डकैती की साजिश रची थी।
टीम ने सभी आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में यह भी पता चला कि आशीष कुमार ने स्थानीय मोबाइल फोन विक्रेता शमीम और उसके साथियों अमन तथा तनवीर के साथ मिलकर यह योजना बनाई थी और मोबाइल फोन बेचकर पैसे बाँट लिए थे।
दिल्ली पुलिस ने इस खुलासे के बाद सभी चोरी के सामान को 24 घंटे के भीतर बरामद कर लिया। फिलहाल, मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।