क्या भारतीय शहरों में बिक्री किए गए घरों की वैल्यू 2025 में 6 प्रतिशत बढ़ी?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में घरों की बिक्री की वैल्यू 6 प्रतिशत बढ़ी।
- मुंबई में बिक्री की संख्या 1,27,875 यूनिट्स रही।
- नई आपूर्ति में 21 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 2.5 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का है।
- दिल्ली-एनसीआर में कीमतों में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- आवासीय संपत्तियों की औसत मूल्य वृद्धि दर एकल अंक पर आ गई।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के शीर्ष सात शहरों में 2025 में बेचे गए घरों की वैल्यू 6 प्रतिशत बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है, जो पहले 5.68 लाख करोड़ रुपए थी। यह जानकारी शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई।
रियल एस्टेट सेवाएँ प्रदान करने वाली कंपनी एनारॉक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में देश में कुल बेचे गए घरों की संख्या 14 प्रतिशत कम होकर 3,95,625 यूनिट्स रह गई है, जो 2024 में 4,59,645 यूनिट्स थी। इसकी वजह उच्च प्रॉपर्टी कीमतें, आईटी क्षेत्र में छंटनी, भू-राजनीतिक तनाव और कम मांग है।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में लगभग 1,27,875 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई, जो सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है, जबकि पुणे में लगभग 65,135 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो कि सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है।
इन दोनों बाजारों ने मिलकर 2025 में आवासीय बिक्री में अग्रणी स्थान प्राप्त किया, जो कुल बिक्री का 49 प्रतिशत है। चेन्नई एकमात्र ऐसा शहर था जहां बिक्री में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो लगभग 22,180 यूनिट्स तक पहुंच गई।
एनारॉक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा, “वर्ष 2025 भू-राजनीतिक उथल-पुथल, आईटी क्षेत्र में छंटनी, टैरिफ तनाव और अन्य अनिश्चितताओं से भरा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “शीर्ष 7 शहरों में बिक्री की मात्रा लगभग 4 लाख इकाइयों पर स्थिर रही, लेकिन कुल बिक्री मूल्य में वृद्धि हुई। नई आपूर्ति का 21 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 2.5 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य वर्ग में लॉन्च किया गया।”
रिपोर्ट के अनुसार, सात शहरों में आवासीय घरों की औसत कीमत लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर लगभग 9,260 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कीमत 9,300 रुपए प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से महंगे घरों की नई आपूर्ति में वृद्धि के कारण हुई।
एनसीआर में इस वर्ष कुल 61,775 नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति में से 55 प्रतिशत से अधिक इकाइयों की कीमत 2.5 करोड़ रुपए से अधिक थी।
दिलचस्प बात यह है कि आवासीय संपत्तियों की औसत मूल्य वृद्धि दर पिछले वर्षों के दो अंकों से घटकर 2025 में एकल अंक पर आ गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेपो दरों में कटौती से 2026 में होम लोन की ब्याज दरों में कमी आने से मांग में मजबूत वृद्धि हो सकती है।