क्या भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा? ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर का दावा

सारांश
Key Takeaways
- भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
- ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार समझौते से नए अवसर पैदा होंगे।
- कीर स्टार्मर का दौरा ब्रिटिश व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है।
- इस यात्रा से आव्रजन नीतियों में कोई बदलाव नहीं होगा।
- भारत के विकास का लाभ ब्रिटिश लोगों को भी मिलेगा।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर दो दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंचे हैं, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम स्टार्मर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन के 125 प्रमुख सीईओ, अग्रणी उद्यमी, विश्वविद्यालयों के कुलपति और सांस्कृतिक संस्थान के अधिकारी पीएम कीर स्टार्मर के साथ भारत आए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, दोनों नेता भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर चर्चा करेंगे, जो व्यवसायों और उद्योग जगत के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।
इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और इसके साथ व्यापार भी तेज और सस्ता होने वाला है। ऐसे में अवसरों का कोई मुकाबला नहीं है।
उन्होंने कहा, "हमने जुलाई में भारत के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता किया। यह किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे सुरक्षित समझौता है, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। यह केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है; यह विकास का एक लॉन्चपैड है।"
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, "मैं इस सप्ताह मुंबई में हमारे 125 सबसे बड़े घरेलू नामों के साथ ब्रिटिश व्यवसाय का झंडा फहराऊंगा। उनके लिए भारत में विकास का मतलब है ब्रिटिश लोगों के लिए घर पर अधिक विकल्प, अवसर और नौकरियां।"
भारत यात्रा शुरू करने से पहले पीएम स्टार्मर ने किसी वीजा समझौते से इनकार करते हुए कहा, "यह योजना का हिस्सा नहीं है। यह यात्रा उस मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठाने के लिए है, जिस पर हम पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं।"
उन्होंने कहा कि व्यवसायों को इस समझौते से लाभ हो रहा है; वीजा मुद्दा नहीं है। ब्रिटेन की आव्रजन नीतियां सख्त रहेंगी।