क्या दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया? नेपाल का नागरिक गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
- नेपाल का नागरिक गिरफ्तार हुआ है जो भारतीय सिम कार्ड आईएसआई को मुहैया करवा रहा था।
- सिम कार्डों का उपयोग पाकिस्तान में व्हाट्सऐप पर किया जा रहा था।
- पुलिस अब सहयोगियों और सप्लाई चेन की पहचान कर रही है।
- यह मामला भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा प्रस्तुत करता है।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (ईस्टर्न रेंज) ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। स्पेशल सेल ने एक जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए नेपाल के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय मोबाइल सिम कार्डों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों को उपलब्ध करा रहा था। ये सिम कार्ड पाकिस्तान से व्हाट्सऐप पर उपयोग किए जा रहे थे, जिनका उपयोग भारत के खिलाफ जासूसी और संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जा रहा था।
स्पेशल सेल को गुप्त सूत्रों से यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि आईएसआई के ऑपरेटिव्स पाकिस्तान में भारतीय मोबाइल नंबरों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राहुल कुमार और इंस्पेक्टर विनीत कुमार तेवतिया की टीम ने एक विशेष ऑपरेशन चलाया।
28 अगस्त को टीम को जानकारी मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति आईएसआई से जुड़ा हुआ है और लक्ष्मी नगर के विजय ब्लॉक में मौजूद है। कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान प्रभात कुमार चौरेसिया (43), बिरगंज, नेपाल के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर भारत में 16 सिम कार्ड खरीदे थे, जिनमें से 11 सिम कार्ड पाकिस्तान के लाहौर, बहावलपुर और अन्य स्थानों पर व्हाट्सऐप पर उपयोग किए जा रहे थे।
प्रभात की निशानदेही पर पुलिस ने उसके पास से डिजिटल डिवाइस (जिनमें संदिग्ध सामग्री पाई गई) और सिम कार्ड्स के खाली पैकेट्स बरामद किए हैं।
जांच में पता चला है कि प्रभात 2024 में नेपाल में एक बिचौलिए के माध्यम से आईएसआई के संपर्क में आया। उसे विदेश में पत्रकारिता और अमेरिका वीजा का लालच देकर फंसाया गया। इसके बदले में उसे भारत में सिम कार्ड खरीदकर नेपाल पहुंचाने और डीआरडीओ और सेना से जुड़ी जानकारियां जुटाने का कार्य सौंपा गया।
प्रभात ने महाराष्ट्र के लातूर में बने अपने आधार कार्ड का उपयोग कर बिहार और महाराष्ट्र के विभिन्न टेलीकॉम दुकानों से सिम कार्ड खरीदे। इन्हें सक्रिय करने के बाद काठमांडू के जरिए पाकिस्तान भेजा गया।
आईएसआई एजेंट इन भारतीय सिम कार्ड्स पर व्हाट्सऐप अकाउंट बनाकर भारतीय सेना के जवानों से संपर्क करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का प्रयास कर रहे थे।
स्पेशल सेल ने इस मामले में पीएस स्पेशल सेल दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2)/152 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब उसके सहयोगियों, सप्लाई चेन और पाकिस्तानी संपर्क सूत्रों की पहचान में जुटी है।