क्या औरंगाबाद की राजधानी ट्रेन दुर्घटना की 23वीं बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई?

सारांश
Key Takeaways
- धावा नदी के पास आयोजित श्रद्धांजलि समारोह।
- मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना।
- हर साल 9 सितंबर को राजधानी ट्रेन दुर्घटना की याद में कार्यक्रम।
- स्थानीय निवासियों और रेल कर्मचारियों की सहभागिता।
- कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित करना।
औरंगाबाद, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के औरंगाबाद जिले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय-गया रेलखंड के रफीगंज रेलवे स्टेशन से चार किलोमीटर पश्चिम स्थित धावा नदी के रेलवे पुल पर 23 वर्ष पूर्व, 9 सितंबर 2002 को रात 10:45 बजे हुई राजधानी ट्रेन दुर्घटना की 23वीं बरसी पर मृत यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस भयानक हादसे में सैकड़ों लोगों की जान गई थी, जिसकी यादें आज भी स्थानीय निवासियों के मन में ताजा हैं।
इस अवसर पर रेल कर्मचारियों और समाजसेवियों ने धावा नदी के निकट रेलवे ट्रैक की पूजा की और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
9 सितंबर की रात करीब 10:45 बजे, रेल कर्मचारियों और समाजसेवियों ने एकत्र होकर रेलवे ट्रैक की पूजा की। इस दौरान, उन्होंने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और ईश्वर से प्रार्थना की कि ऐसी घटनाएं पुनः न हों।
कार्यक्रम में शामिल एसएसई गौरव कुमार ने बताया कि हर साल इस दिन रेलवे ट्रैक की पूजा की जाती है और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा जाता है।
उन्होंने कहा कि 2002 की दुर्घटना की याद में हम प्रार्थना करते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
कांग्रेस नेता डॉ. तुलसी यादव ने कहा कि 9 सितंबर की रात औरंगाबादवासियों के लिए एक दुखद दिन है। उन्होंने घटनास्थल पर जाकर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए कैंडल जलाकर दो मिनट का मौन रखा और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रार्थना की।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि दुर्घटना के बाद से हर साल 9 सितंबर को रेलवे कर्मचारी, आरपीएफ और ग्रामीण एकत्र होकर रेलवे ट्रैक की पूजा करते हैं और कैंडल जलाकर बरसी मनाते हैं। इस अवसर पर सैकड़ों लोग उपस्थित रहे और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।