क्या भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है?

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क्या भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है?

सारांश

नेपाल में हुए हालिया हिंसक प्रदर्शनों के कारण भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रीय एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि उपद्रवी तत्व इस स्थिति का फायदा उठाकर भारतीय राज्यों में हिंसा भड़का सकते हैं। जानिए इस स्थिति का क्या प्रभाव पड़ सकता है।

Key Takeaways

  • हिंसक प्रदर्शनों के कारण सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है।
  • सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
  • सीमावर्ती राज्यों में निगरानी बढ़ाई गई है।
  • असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
  • कर्फ्यू और सुरक्षा उपायों को सख्त किया गया है।

नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में पिछले दो दिनों से हो रहे हिंसक प्रदर्शन के कारण केंद्रीय एजेंसियों ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। इस बात का चेतावनी दी गई है कि उपद्रवी तत्व इस अशांति का फायदा उठाकर पड़ोसी भारतीय राज्यों में हिंसा भड़का सकते हैं।

खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि नेपाल के अशांत माहौल का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व सीमावर्ती भारतीय राज्यों में हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।

अधिकारियों के अनुसार, इस खुफिया जानकारी के बाद उत्तराखंड पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सहित भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर कानून-व्यवस्था के किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है।

सुरक्षा बलों को अधिकतम सतर्कता बरतने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड के चंपावत (जहां सीमा नेपाल के महेंद्रनगर से जुड़ती है) में नेपाल सेना द्वारा कर्फ्यू लागू किए जाने के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पिथौरागढ़ के धारचूला (जहां नेपाल के साथ खुली सीमा लगी है) में स्थानीय लोगों में अपने रिश्तेदारों को लेकर चिंता बढ़ गई है। साथ ही सुरक्षा अधिकारियों ने सीमा पर निगरानी भी बढ़ा दी है।

बिहार के मधुबनी में भी एसएसबी को सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है। पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए मधुबनी पुलिस पूरी तरह सतर्क है। सभी सीमा पुलिस स्टेशन हाई अलर्ट पर हैं। सभी सर्कल इंस्पेक्टर और स्टेशन कर्मचारी मैदान में हैं, विशेष रूप से सीमा चौकियों पर, जहां 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।"

उन्होंने कहा, "सीमा पार करने वाले लोगों की पूरी जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी असामाजिक तत्व सीमा पार न कर सके।"

उत्तर प्रदेश में सात सीमावर्ती जिलों (पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज) में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने बताया कि सुरक्षा रणनीति में 24 घंटे गश्त और प्रवेश बिंदुओं पर सख्त जांच शामिल है, जिसमें 73 चेकपॉइंट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

लखीमपुर खीरी जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने कहा, "हम नेपाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हम बीएसएफ और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय में हैं।"

उन्होंने बताया कि संयुक्त गश्त की जा रही है और पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि गौरीफंटा सीमा (जो पलिया तहसील को नेपाल के धनगढ़ी से जोड़ती है) पर स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन कड़ी निगरानी में शांत बनी हुई है।

इस बीच, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में पानीटंकी में भारत-नेपाल सीमा को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, जहां सुरक्षा बल 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।

Point of View

NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट क्यों जारी किया गया है?
नेपाल में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के कारण सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है।
कौन-कौन से राज्यों में सुरक्षा बढ़ाई गई है?
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सुरक्षा बढ़ाई गई है।
क्या असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है?
जी हां, सुरक्षा बलों को सतर्क किया गया है ताकि असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।