क्या हरियाणा में अधिकारी को इंसाफ नहीं मिल रहा, तो आम आदमी का क्या होगा?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए हैं।
- आईपीएस अधिकारी के परिवार को न्याय नहीं मिला है।
- कांग्रेस विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
- हरियाणा के प्रशासनिक ढांचे में सुधार की जरूरत है।
- यह मामला सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है।
चंडीगढ़, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने चंडीगढ़ में प्रदेश सरकार पर तेज हमला किया और आईपीएस वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में लोगों में गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर जनता गंभीर रूप से नाराज है।
उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि एक वरिष्ठ अधिकारी के परिवार को छह दिन बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं मिला है। इतनी लंबी अवधि के बाद भी सरकार पीड़ित परिवार को संतुष्ट नहीं कर पाई है।
अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार के दो मंत्री परिवार से मिलने आए और लगातार आ भी रहे हैं, लेकिन उनकी नीयत स्पष्ट नहीं हो पा रही है। अगर सच में सरकार न्याय दिलाना चाहती, तो अब तक कार्रवाई शुरू हो चुकी होती।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल एक परिवार का नहीं है, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े करता है। अरोड़ा ने पूछा कि जब एक आईपीएस अधिकारी के परिवार को न्याय नहीं मिल पा रहा, तो आम नागरिक की उम्मीदें कैसे पूरी होंगी?
कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह केवल दुखद घटना नहीं है, बल्कि हरियाणा के प्रशासनिक ढांचे पर एक कलंक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री केवल बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि वास्तविक न्याय के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहे।
अरोड़ा ने बताया कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर लगातार परिवार के साथ खड़ी है। कई जिलों में प्रदर्शन किए गए हैं और सोमवार को पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलता, कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की कमजोरियों और प्रशासनिक ढांचे में दोषों को उजागर करता है। जनता सरकार की निष्क्रियता से निराश है और प्रशासनिक ढांचे में सुधार की सख्त जरूरत है।