क्या उपेंद्र कुशवाहा ने सीट बंटवारे पर कुछ महत्वपूर्ण कहा?

सारांश
Key Takeaways
- उपेंद्र कुशवाहा का गुस्से के प्रति सांत्वना भरा संदेश।
- एनडीए में सीट बंटवारे का निर्णय और इसकी पृष्ठभूमि।
- राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए समझने की आवश्यकता।
पटना, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति बन गई है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि प्रिय मित्रों/साथियों, मैं आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई। मैं समझता हूं कि इस निर्णय से हमारी पार्टी के उम्मीदवार बनने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा, लेकिन आप सभी मेरी एवं पार्टी की विवशता को समझते होंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी निर्णय के पीछे कुछ ऐसी परिस्थितियां होती हैं जो बाहरी नजर में नहीं दिखतीं। हम जानते हैं कि अंदर की परिस्थितियों की अनभिज्ञता के कारण आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा होगा, जो स्वाभाविक है।
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि आपसे निवेदन है कि आप अपने गुस्से को शांत होने दीजिए, फिर आप खुद महसूस करेंगे कि यह फैसला कितना उचित है या अनुचित। कुछ समय बाद ये बातें स्पष्ट होंगी। फिलहाल, इतना ही।
एनडीए के अनुसार, भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, जबकि सहयोगी दल लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें और आरएलएम एवं हम को 6-6 सीटें मिली हैं।
भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी घोषणा करते हुए लिखा, "एनडीए के साथियों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सीटों का वितरण पूरा किया है। जदयू 101, भाजपा 101, लोजपा (रामविलास) 29, राष्ट्रीय लोक मोर्चा 6 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 6।"