क्या जमशेदपुर में नवरात्रि के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- महिला सुरक्षा के लिए सिविल ड्रेस में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती।
- सुरक्षा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे का उपयोग।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में महिला सुरक्षा बल की तैनाती।
- ट्रैफिक प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल।
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना।
जमशेदपुर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने विस्तृत तैयारी की है। महिला सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए जिला पुलिस ने एक विशेष योजना तैयार की है।
सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने शुक्रवार को बताया कि पूजा पंडालों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों, महिलाओं से छेड़खानी, बदसलूकी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। हर प्रमुख पूजा पंडाल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में महिला पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में तैनात किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए टैगो जवानों की उच्च गति वाली मोटरसाइकिलों पर गश्त की व्यवस्था की गई है। ये जवान शहर के प्रमुख मार्गों और संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखेंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और प्रमुख चौराहों पर महिला सुरक्षा बल को सक्रिय रूप से तैनात किया जाएगा।
साथ ही, सीसीटीवी कैमरों की सहायता से लगातार निगरानी की जाएगी। क्विक रिस्पॉन्स टीम और पेट्रोलिंग पार्टियां भी हर समय तैयार रहेंगी। सिटी एसपी ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान लाखों की भीड़ उमड़ती है, ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखना भी चुनौतीपूर्ण होगा। इस चुनौती से निपटने के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस तैनात की जाएगी और हर थाना क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस का उद्देश्य है कि श्रद्धालु निश्चिंत होकर पूजा का आनंद ले सकें और शहर में शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे। उल्लेखनीय है कि पूर्वी भारत में कोलकाता के बाद रांची और जमशेदपुर में दुर्गापूजा भव्य तरीके से मनाई जाती है। इन दोनों शहरों में 200 से भी अधिक छोटे-बड़े पूजा पंडाल बनाए जाते हैं, जहां छह से सात दिनों के दौरान लाखों की भीड़ आती है।