क्या दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान से जलभराव से मुक्ति मिलेगी, सिंधु संधि खत्म होने से राज्यों को लाभ होगा?

सारांश
Key Takeaways
- ड्रेनेज मास्टर प्लान से जलभराव की समस्या खत्म होगी।
- योजना का बजट 57,000 करोड़ रुपए है।
- हरियाणा में तीन नए डैम बनेंगे।
- सिंधु जल संधि के खत्म होने से राज्यों को पानी मिलेगा।
- स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में सुधार होगा।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस 57,000 करोड़ रुपए के मास्टर प्लान से दिल्ली को जलभराव की समस्या से स्थायी मुक्ति मिलेगी।
इस योजना में शहर को नजफगढ़, बारापुल्ला और ट्रांस-यमुना के तीन ड्रेनेज बेसिन में बांटा गया है, जहाँ कंसल्टेंट्स द्वारा नेटवर्क का पुनः डिज़ाइन किया जाएगा। उन्होंने कहा, "यह योजना वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करेगी। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को इसे लागू करने में पूरी मदद करेगी।"
नदियों के अवरोधों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आईटीओ बैराज से ओखला बैराज तक सबसे अधिक बाधाएं हैं। उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार को पता ही नहीं था कि आईटीओ बैराज उनके पास है। पिछले साल चार गेट न खुलने पर यह बात सामने आई, अब इसे दिल्ली सरकार को सौंप दिया गया है।" यह कदम यमुना के पानी के बैकफ्लो को रोकने में सहायक होगा। उन्होंने हाल की एक घटना का जिक्र किया, "पीएमओ से फोन आया कि लोधी रोड पर दो फुट पानी भर गया। बाद में पता चला कि यमुना का पानी बैक मार रहा था।"
स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर बोलते हुए उन्होंने तीन डंपिंग साइट्स, भलस्वा और ओखला का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "भलस्वा डंपिंग साइट का जिम्मा मैं अपने हाथ लेता हूँ। पिछली सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के 1,100 करोड़ फंड का उपयोग नहीं किया। भलस्वा में प्रोसेस्ड मिट्टी डालने की जगह नहीं है, जिससे समस्या बढ़ रही है।" हाल ही में भलस्वा लैंडफिल का निरीक्षण करने वाले मनोहर लाल ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।
दिल्ली की पानी की किल्लत को दूर करने के लिए उन्होंने बताया कि हरियाणा में तीन बड़े डैम बनना शुरू हो गए हैं। "हथिनी कुंड के नजदीक डैम बनाने का प्रस्ताव है, जो दो-तीन महीने की पानी की कमी को दूर करेगा।" यह परियोजना 6,134 करोड़ रुपए की है, जो यमुना की बाढ़ को नियंत्रित करेगी और दिल्ली को लाभ पहुंचाएगी।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सिंधु जल संधि को समाप्त करने का जिक्र करते हुए मनोहर लाल ने कहा, "इससे बहुत सारा पानी अब राज्यों को मिलना शुरू हो जाएगा।"