क्या बॉलीवुड का यह खलनायक असल जिंदगी में 'विलेन' नहीं बनना चाहता था?

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क्या बॉलीवुड का यह खलनायक असल जिंदगी में 'विलेन' नहीं बनना चाहता था?

सारांश

क्या मोहन जोशी, बॉलीवुड का यह चर्चित खलनायक, असल जिंदगी में विलेन नहीं बनना चाहता था? जानिए उनके संघर्ष और सफलता की कहानी, जिसने उन्हें फिल्मी दुनिया में एक अद्वितीय पहचान दिलाई।

Key Takeaways

  • मोहन जोशी ने संघर्ष के बाद फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाई।
  • उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है कि कठिनाइयों से कभी हार नहीं माननी चाहिए।
  • उन्होंने 300+ फिल्मों में काम किया है।
  • वे न सिर्फ हिंदी, बल्कि मराठी और भोजपुरी फिल्मों में भी सफल रहे हैं।
  • उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे मेहनत और समर्पण से सफलता मिलती है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के समय में किसी भी अभिनेता के लिए नायक और खलनायक की भूमिकाएं निभाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। नायकों को हमेशा नायक की भूमिकाएं ही मिलती थीं, जबकि जिनका इमेज खलनायक का था, उन्हें हर फिल्म में वही रोल मिले। इसी दौर में बॉलीवुड में एक नया खलनायक उभरा, जिनका नाम है मोहन जोशी। यह एक ऐसा कलाकार है, जिनकी जिंदगी आसान नहीं थी, फिर भी उन्होंने अपनी परेशानियों को पार करके एक नई पहचान बनाई। आज उन्हें फिल्म जगत के बड़े सितारों में गिना जाता है।

मोहन जोशी का जन्म 4 सितंबर 1945 को बेंगलुरु के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। रंगमंच और फिल्मी दुनिया में उनका आना एक संयोग था। उनके जीवन में एक घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया और इसके कारण उन्हें अपना करियर बदलना पड़ा, यहीं से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया।

फिल्मों में आने से पहले मोहन जोशी ने लगभग 9 साल तक ट्रक ड्राइवर का काम किया। स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने पुणे में किर्लोस्कर ग्रुप में नौकरी की। लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी खुद की ट्रांसपोर्ट कंपनी शुरू की, जहां उन्होंने खुद भी ड्राइविंग की। उनकी कंपनी में तीन गाड़ियां थीं।

हालांकि एक वाहन की दुर्घटना ने उनके जीवन को बदलकर रख दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी को बंद कर दिया और 1987 में मुंबई चले गए। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी जिंदगी की इस घटना को साझा किया।

मोहन जोशी का अभिनय की दुनिया में परिचय एक अलग अंदाज में हुआ, जिससे उन्हें खलनायक के रूप में पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने लगातार फिल्मों में अभिनय किया। संघर्ष करते हुए उन्होंने रंगमंच पर भी अपनी प्रतिभा दिखाई और फिर बॉलीवुड में खलनायक के रूप में छा गए। उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है। मोहन जोशी एक ऐसे कलाकार हैं, जो न सिर्फ हिंदी, बल्कि मराठी और भोजपुरी फिल्मों में भी दर्शकों का दिल जीत चुके हैं।

Point of View

मोहन जोशी की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष और मेहनत से ही सफलता प्राप्त होती है। उनके जीवन के अनुभव हमें प्रेरित करते हैं कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

मोहन जोशी का जन्म कब हुआ था?
मोहन जोशी का जन्म 4 सितंबर 1945 को बेंगलुरु में हुआ था।
मोहन जोशी ने अपने करियर की शुरुआत कैसे की?
उन्होंने पहले ट्रक ड्राइवर के रूप में काम किया और बाद में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
क्या मोहन जोशी ने केवल हिंदी फिल्मों में काम किया है?
नहीं, मोहन जोशी ने हिंदी के साथ-साथ मराठी और भोजपुरी फिल्मों में भी अभिनय किया है।
मोहन जोशी ने कितनी फिल्मों में काम किया है?
उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है।
मोहन जोशी की सबसे प्रसिद्ध फिल्म कौन सी है?
उनकी कई प्रसिद्ध फिल्में हैं, लेकिन उनका खलनायक के रूप में पहचान बनाना काफी महत्वपूर्ण है।