क्या राहुल-तेजस्वी ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द कहे?

सारांश
Key Takeaways
- हुसैन दलवई ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्दों का उपयोग न करने की अपील की।
- कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया है।
- गृह मंत्री को मराठा आरक्षण पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
- राजनीतिक विमर्श में समझदारी बनानी चाहिए।
- सड़कों को बंद करना गलत है।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवई ने बिहार के दरभंगा जिले में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पीएम के खिलाफ इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के खिलाफ कोई अपशब्द नहीं कहे हैं।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी या तेजस्वी यादव ने ऐसा कुछ नहीं कहा है।
उन्होंने दावा किया कि महिलाओं का हमेशा कांग्रेस ने सम्मान किया है। महात्मा गांधी ने महिलाओं को बड़े पैमाने पर संघर्ष में शामिल किया था। संविधान में महिलाओं को पूरे अधिकार दिए गए हैं। भाजपा को कांग्रेस को महिला सम्मान के बारे में बताने की जरूरत नहीं है।
संघ पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आज भी आरएसएस की शाखाओं में महिलाएं नहीं जा सकती हैं। इसलिए, उन्हें हमें बताने की जरूरत नहीं है। जिसने भी अपशब्द कहे हैं, हम उसकी निंदा करते हैं। ऐसा नहीं कहना चाहिए।
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने पवन खेड़ा पर दो वोटर आईडी होने के आरोप पर कहा, "पवन खेड़ा ने दो जगह अपना नाम दर्ज किया है, ऐसी कोई बात नहीं है। किसी और ने किया होगा या गलती से हुआ होगा। इसमें पवन खेड़ा की कोई गलती नहीं, ऐसा मुझे लगता है। जानबूझकर ऐसी बातें निकल रही हैं।"
मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में पिछले 5 दिन से जारी मनोज जरांगे का अनशन समाप्त हो गया है। हुसैन दलवई ने कहा कि जरांगे पाटिल और उनके साथी 5 साल से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि सरकार इस मामले में गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार ने दो बार जीआर निकाला, आश्वासन दिया। दो बार उन्हें कुछ नहीं दिया गया। अभी सरकार कह रही है कि वह आरक्षण देंगे। अगर वह देती है तो बहुत अच्छा है वर्ना असर बुरा होगा। मराठा समाज के जो लोग आए थे वह गरीब मराठा हैं। गरीब मराठा मांग कर रहा है, अमीर मराठा को आरक्षण की जरूरत नहीं। हम आरक्षण के समर्थन में हैं।
मराठा आरक्षण के दौरान सड़कों को बंद करने पर उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। सड़क बंद करने जैसी कोई बात नहीं थी, मैदान में कीचड़ होने के कारण लोग सड़क पर आए थे। यह धरना बड़े पैमाने पर था। आपने चाय की दुकानों को बंद कराया, लोग कहां जाएंगे?
उन्होंने आगे कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि आरक्षण के मुद्दे पर सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। लेकिन पहले दो बार सरकार ने दिखावा किया है, इसलिए अब भी कर सकती है। अगर इस बार भी ऐसा हुआ तो इसका असर बहुत बुरा होगा। मैं सरकार को चुनौती देना चाहता हूं कि केवल आश्वासन न दें, बल्कि जो वादा किया है उसे पूरा करें।