क्या आरजीकर केस में भाजपा ने किया राजनीतिक हथकंडा? कुणाल घोष का आरोप

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क्या आरजीकर केस में भाजपा ने किया राजनीतिक हथकंडा? कुणाल घोष का आरोप

सारांश

आरजीकर मेडिकल कॉलेज का मामला एक साल पुराना हो चुका है, और तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा ने इस मामले को अपने लाभ के लिए राजनीतिक रूप से भुनाने का प्रयास किया है। क्या यह सच है?

Key Takeaways

  • भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए आरजीकर मामले का उपयोग करने का आरोप।
  • कुणाल घोष ने तस्वीरें न होने को लेकर सवाल उठाए।
  • महिला डॉक्टर की मां को भाजपा ने अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल किया।
  • स्वामी विवेकानंद के नाम पर स्टेशन का नाम बदलने का सुझाव।
  • चुनाव आयोग की जिम्मेदारी पर सवाल।

कोलकाता, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने रविवार को भाजपा पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि आरजीकर मेडिकल कॉलेज की घटना को भाजपा एक राजनीतिक हथकंडा बना रही है। आरजीकर मेडिकल कॉलेज मामले के एक साल पूरे होने पर विरोध प्रदर्शन में मृतिका की मां के सिर पर कथित चोट के मुद्दे पर कुणाल घोष ने कहा, "अगर सच में किसी के सिर पर चोट लगी है, तो कोई तस्वीर तो दिखाएं।"

उन्होंने कहा, "इतने सारे मीडिया और मोबाइल फोन हैं, एक भी तस्वीर नहीं आई। अगर चोट लगती तो अस्पताल ले जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।"

उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने जानबूझकर महिला डॉक्टर की मां को अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने फोन से एक वीडियो भी दिखाया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ता खुद कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया, लेकिन वीडियो में कुछ लोग ताला तोड़ते नजर आ रहे हैं।

कुणाल घोष ने सवाल उठाया कि अगर ताला तोड़ा जा रहा है, तो पुलिस क्या करेगी। इसके अलावा उन्होंने भाजपा के अंदरूनी कलह पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "पूरी भाजपा एंटी-सुवेंदु हो गई है। सवाल यह है कि शनिवार को नबन्ना अभियान के दौरान सुवेंदु अधिकारी के साथ कौन खड़ा था।"

केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा सियालदह स्टेशन का नाम बदलकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के बयान को लेकर भी कुणाल घोष ने तीखा जवाब दिया।

उन्होंने कहा, "अगर स्टेशन का नाम बदलना है, तो वह स्वामी विवेकानंद के नाम पर होना चाहिए। उन्होंने शिकागो में हिंदू धर्म का गौरव बढ़ाया। शिकागो से समुद्री मार्ग से लौटकर स्वामी विवेकानंद सियालदह स्टेशन पर पहुंचे थे। यह स्टेशन किसी के नाम पर होना चाहिए तो स्वामी विवेकानंद के नाम पर होना चाहिए।"

कुणाल घोष ने बिहार के एक निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी मिलने की घटना पर चुनाव आयोग को घेरा। उन्होंने कहा, "यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह सटीक वोटर लिस्ट तैयार करे।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों को संवेदनशील मामलों का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। समाज में ऐसे मुद्दों का समाधान सही तरीके से होना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

आरजीकर मेडिकल कॉलेज मामला क्या है?
यह मामला 1 साल पहले की घटना से संबंधित है, जिसमें एक मृतिका की मां को भाजपा द्वारा राजनीतिक रूप से भुनाने का आरोप लगाया जा रहा है।
कुणाल घोष ने भाजपा पर क्या आरोप लगाए?
कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने इस मामले को एक राजनीतिक हथकंडा बनाया है और उन्होंने तस्वीरों की कमी पर सवाल उठाया।