क्या आज बंगाल जो सोचता है, कल पूरा देश उसी पर चलेगा? : शत्रुघ्न सिन्हा

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क्या आज बंगाल जो सोचता है, कल पूरा देश उसी पर चलेगा? : शत्रुघ्न सिन्हा

सारांश

क्या बंगाल की सोच पूरे देश को प्रभावित कर रही है? शत्रुघ्न सिन्हा ने बाबरी मस्जिद पर हाल की घटनाओं को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। उनका मानना है कि बंगाल की योजनाएं और ममता बनर्जी की लोकप्रियता देशभर में महत्वपूर्ण हैं। जानिए इस विषय पर उनका दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • बंगाल की सोच का प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर है।
  • बीजेपी की राजनीतिक चालें ध्यान भटकाने का प्रयास हैं।
  • ममता बनर्जी की योजनाएं देशभर में महत्वपूर्ण हैं।
  • सामाजिक शांति और सद्भाव बनाए रखना आवश्यक है।
  • जनता को समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।

आसनसोल, ६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बाबरी मस्जिद से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मस्जिद के मामले में भीड़ जुटाना और विवाद उत्पन्न करना केवल कुछ राजनीतिक व्यक्तियों की चाल है, और यह किसी राजनीतिक पार्टी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। उनका यह मानना है कि आज पूरा देश वही सोचता है, जो बंगाल सोचता है।

सिन्हा ने कहा कि ६ दिसंबर को, जिसे कई जगह शौर्य दिवस या सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को सही मायने में सद्भावना और सर्वधर्म समभाव के लिए समर्पित होना चाहिए। ऐसे महत्वपूर्ण अवसर पर मस्जिद निर्माण जैसी घोषणाएं करना और लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र करना केवल एक राजनीतिक दांव है। उनका मानना है कि यह ममता बनर्जी की लोकप्रियता और उनकी योजनाओं के विरोध में बीजेपी की बौखलाहट का परिणाम है।

उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल से कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत हुई है, जैसे कि छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप, बुजुर्गों को पेंशन, स्वास्थ्य साथी योजना आदि। अब ये योजनाएं पूरे देश में लागू हैं। सिन्हा ने यह स्पष्ट किया कि आज बंगाल जो सोचता है, कल उसी दिशा में पूरा देश बढ़ता है। यह ममता बनर्जी की लोकप्रियता और उनकी योजनाओं का परिणाम है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अब मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों को उठाकर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है, खासकर चुनावों के समय, जब देश में राजनीतिक माहौल गरम होता है। सिन्हा ने कहा कि यह सब बिना किसी राजनीतिक पार्टी के समर्थन के संभव नहीं है और इसे केवल चुनावी रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए।

साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उनका कहना है कि बंगाल के लिए करीब हजारों करोड़ रुपए गरीबों और विकास के लिए रोके गए हैं। किसानों का पैसा, मनरेगा का पैसा, ये सब भी रोके हुए हैं। चुनाव के समय इस पैसे को लेकर बहाने बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में तो चुनाव आचार संहिता के बावजूद पैसा दिया गया, लेकिन बंगाल में इसे नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि केंद्र पहले बकाया पैसा लौटाए और फिर जनता के सामने बहाने बनाने की कोशिश करे।

शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि इस प्रकार की कोशिशें समाज और देश के लिए सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समाज में शांति, सद्भावना और सर्वधर्म समभाव बनाए रखना चाहिए, खासकर इस समय। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ममता बनर्जी और टीएमसी के समर्थन में एक स्पष्ट संदेश दें और बीजेपी की इन नीतियों का जवाब दें।

सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचा है। बंगाल से ही कई सामाजिक और विकासात्मक कार्यक्रम पूरे देश में अपनाए गए हैं। अब लोगों को राजनीतिक बहानों और चुनावी रणनीतियों के जाल में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता इस बार भी समझदारी से निर्णय लेगी और सच का साथ देगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हर राज्य की सोच और नीतियों का प्रभाव देश पर पड़ता है। शत्रुघ्न सिन्हा का यह कहना महत्वपूर्ण है कि बंगाल की योजनाएं और ममता बनर्जी की लोकप्रियता राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर रही हैं। हमें एक शांतिपूर्ण और समरस समाज की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

शत्रुघ्न सिन्हा ने बाबरी मस्जिद पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि मस्जिद को लेकर भीड़ जुटाना और विवाद खड़ा करना राजनीतिक चालें हैं।
क्या बंगाल की सोच देश पर प्रभाव डालती है?
सिन्हा का मानना है कि आज पूरा देश वही सोचता है, जो बंगाल सोचता है।
ममता बनर्जी की योजनाओं का असर क्या है?
सिन्हा ने कहा कि ममता की योजनाएं देश भर में लागू हो रही हैं।
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