क्या देश बाबा साहेब के एहसान को कभी नहीं भूलेगा: अबू आजमी?
सारांश
Key Takeaways
- बाबा साहेब ने दलितों और कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
- संविधान के माध्यम से हमें अपने हक की आवाज उठाने की ताकत मिली।
- अबू आजमी ने उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।
- बाबा साहेब का दृष्टिकोण सभी के लिए समान अधिकार की बात करता है।
- उनके विचार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
मुंबई, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि पर कहा कि डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ने न केवल दलितों के लिए बल्कि मुसलमानों समेत सभी कमजोर वर्गों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी। संविधान के माध्यम से हमें अपने अधिकारों की आवाज उठाने की शक्ति प्रदान की। देश इस बड़े एहसान को कभी नहीं भूल सकता।
सपा नेता ने कहा कि जब 1947 में भारत और पाकिस्तान विभाजित हुए, तब कई मुसलमान पाकिस्तान जा रहे थे, क्योंकि जिन्ना ने कहा था कि वे एक अलग मुस्लिम राष्ट्र बना रहे हैं। बाबा साहेब ने कहा नहीं, यह देश जो बन रहा है, वह हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और सभी को समान अधिकार देगा। उन्होंने दबे-कुचले लोगों और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। मेरा मानना है कि उन्होंने दलितों और मुसलमानों को बहुत बड़ा न्याय दिलाया। आज यदि हम मजबूती से खड़े हैं और सबसे ताकतवर के खिलाफ भी बोलने की हिम्मत रखते हैं, तो यह सब बाबा साहेब की वजह से है जो उन्होंने हमें प्रदान किया।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मुंबई की चैत्यभूमि पर पहुंचकर देश के संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। बाबा साहेब ने हमें समानता, न्याय, बंधुत्व और शिक्षा का जो मार्ग दिखाया है, वह आज भी हमारे संघर्षों का पथप्रदर्शक और संवैधानिक मूल्यों का आधार है। उनके विचार आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता का पद बहुत बड़ा होता है। व्लादिमीर पुतिन के भारत आने पर राहुल गांधी को न बुलाना यह दिखाता है कि सरकार डरी हुई है। सरकार का यह व्यवहार पूरी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।