क्या आप जोड़ों में दर्द और जकड़न से परेशान हैं? इस आयुर्वेदिक तरीके से मिले आराम
सारांश
Key Takeaways
- हल्दी में सूजन कम करने के गुण होते हैं।
- अजवाइन मांसपेशियों को आराम देती है।
- प्राकृतिक उपायों का उपयोग सुरक्षित होता है।
- नियमितता महत्वपूर्ण है।
- खराब आहार से बचें।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जोड़ों के दर्द से जूझ रहे कई लोग अक्सर दवाओं पर निर्भर रहते हैं, लेकिन आयुर्वेद में कुछ घरेलू चीजें, जैसे हल्दी और अजवाइन, वास्तव में राहत प्रदान कर सकती हैं। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और खराब आहार और लगातार ठंडी चीजें सूजन को बढ़ा देती हैं। लंबे समय तक बैठना, पुरानी चोटें, मौसम में बदलाव या वजन बढ़ना भी दर्द को बढ़ा सकता है।
इसके अलावा कम पानी पीना, नींद की कमी और गैस जैसी समस्याएं भी जोड़ों में जकड़न और सूजन का कारण बनती हैं। इन सभी छोटे कारणों का मिलाजुला असर दर्द और असुविधा पैदा करता है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हल्दी और अजवाइन इस दर्द को कम करने में बहुत सहायक हैं। हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन दर्द को कम करने में प्रभावी होता है और रक्त को शुद्ध रखता है।
अजवाइन गैस को कम करते हुए जोड़ों को आराम प्रदान करती है, मांसपेशियों को ढीला करती है और गर्म तासीर से राहत देती है। जब इन दोनों का संयोजन किया जाता है, तो जोड़ों में रक्त परिसंचरण बेहतर होता है, जकड़न कम होती है और चलने-फिरने में आसानी होती है। खासकर सर्दियों में इसका प्रभाव और भी अधिक होता है। यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है, जिसे बिना किसी साइड इफेक्ट के इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसे उपयोग करना भी सरल है। एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हल्दी और आधा चम्मच अजवाइन डालें। इसे ढककर तीन मिनट के लिए रखें और सुबह खाली पेट पिएं। दिन में केवल एक बार लेना पर्याप्त है। लगातार सात दिनों तक इसे अपनाने से हल्कापन महसूस होगा। इसके साथ ही, खाना बनाते समय अजवाइन का उपयोग करना, रात में हल्दी वाला दूध पीना या दर्द वाले स्थान पर अजवाइन सेकना भी मददगार है। हल्के गर्म पानी से मालिश करने से इसका असर और भी बेहतर होता है।
नियमितता बहुत महत्वपूर्ण है। इसे निरंतर अपनाने से जोड़ों में सुस्ती और दर्द धीरे-धीरे कम होते हैं। हल्दी और अजवाइन का यह घरेलू उपाय न केवल प्राकृतिक है, बल्कि इसे आसानी से घर पर भी लागू किया जा सकता है।