क्या आपातकाल केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए लागू किया गया था? : प्रकाश जावड़ेकर

Click to start listening
क्या आपातकाल केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए लागू किया गया था? : प्रकाश जावड़ेकर

सारांश

क्या आपातकाल ने लोकतंत्र को बर्बाद किया? जानिए भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर के ताज़ा बयान में कांग्रेस पर लगे आरोप।

Key Takeaways

  • आपातकाल का ऐलान राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया था।
  • इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का उल्लंघन किया।
  • कांग्रेस द्वारा संविधान को तोड़ने का प्रयास किया गया।
  • आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में आरएसएस की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
  • २५ जून को संविधान हत्या दिवस मनाया जाता है।

पुणे, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने आपातकाल की ५०वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी का लागू होना लोकतंत्र को नष्ट करने का एक प्रयास था। आगे उन्होंने कहा कि १९७५ में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने देश में आपातकाल केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लागू किया था।

भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "आपातकाल का लागू होना वास्तव में कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास था, क्योंकि वे अपनी सत्ता को बनाए रखना चाहते थे। देश में कोई वास्तविक संकट नहीं था, संकट केवल कांग्रेस के शासन का था।"

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया था, जो आपातकाल लगाने का एक महत्वपूर्ण कारण था। इसके अलावा, कांग्रेस गुजरात में चुनाव हार चुकी थी और देशभर में एक व्यापक जनआंदोलन चल रहा था। सत्ता खोने के डर से इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की। यह निर्णय देश को बचाने के लिए नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक स्वार्थ और कुर्सी को बचाने के लिए लिया गया था।

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, कांग्रेस की वही मानसिकता आज भी विद्यमान है। १५० वर्षों के स्वतंत्रता संग्राम के बाद भीमराव आंबेडकर ने संविधान लिखकर हमारे देश को एक स्वरूप दिया। कांग्रेस ने उस संविधान को तोड़ने-मरोड़ने का कार्य किया है। आपातकाल के खिलाफ लडऩे वालों ने पुनः संविधान को स्थापित किया, जिसमें आरएसएस की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। आपातकाल के दौरान देश की जनता पर अत्याचार हुआ, और सरकार से कोई सवाल नहीं कर सकता था। इसलिए २५ जून को हम संविधान हत्या दिवस मनाते हैं।

वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, "यह इंदिरा गांधी ही थीं, जिन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाईं, क्योंकि संविधान में आपातकाल का कोई प्रावधान नहीं था। हमारा संविधान लोकतंत्र पर आधारित है और आपातकाल तानाशाही है। भारत का संविधान सभी जातियों और धर्मों के लोगों को न्याय देने वाला है। इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं को साल भर के लिए जेल में डाल दिया था। इसीलिए पीएम मोदी ने २५ जून को 'काला दिवस' कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।"

Point of View

यह आवश्यक है कि हम अतीत की घटनाओं का विवेचन करें। आपातकाल ने न केवल लोकतंत्र को प्रभावित किया, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि सत्ता के लिए संघर्ष में क्या खोया जा सकता है। हमें अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और इतिहास से सीख लेनी चाहिए।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

आपातकाल क्यों लागू किया गया था?
आपातकाल 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा राजनीतिक स्वार्थ के लिए लागू किया गया था।
आपातकाल के दौरान क्या हुआ?
आपातकाल के दौरान कई विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया और नागरिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
आपातकाल का क्या प्रभाव पड़ा?
आपातकाल ने भारतीय लोकतंत्र पर गहरा प्रभाव डाला और लोगों में असंतोष बढ़ाया।
क्यों 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाया जाता है?
इस दिन को आपातकाल की घोषणा के साथ जोड़ा जाता है, जब लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन हुआ।
प्रकाश जावड़ेकर ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि आपातकाल केवल कांग्रेस की सत्ता बनाए रखने के लिए था।