क्या अखिलेश यादव हताशा के शिकार हैं? भाजपा सबके विकास में विश्वास रखती है : धर्मवीर प्रजापति

सारांश
Key Takeaways
- धर्मवीर प्रजापति ने भाजपा के विकास और न्याय के सिद्धांत पर जोर दिया।
- अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि दलितों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
- उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था में सुधार का दावा किया गया है।
- जनता के बीच दोनों पक्षों के तर्क सुनने का समय है।
- भाजपा आपातकाल की ५०वीं वर्षगांठ मना रही है।
संभल, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा भाजपा पर लगाए गए जातिवादी राजनीति के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि भाजपा सभी के साथ न्याय करती है।
धर्मवीर प्रजापति ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर चलती है। हमारी सरकार में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता।"
उन्होंने आगे कहा कि "जब अखिलेश यादव की सरकार थी, तब प्रदेश में जातीय दंगे और अराजकता अपने चरम पर थी। जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं, राज्य विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ा है और कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। अखिलेश यादव हताशा का शिकार होकर ऐसे बयान दे रहे हैं। जनता अब उनके ऐसे बयानों के भ्रमजाल में नहीं फंसने वाली है।"
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को फर्रुखाबाद के दौरे पर थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने भाजपा पर जाति और धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही यह भी कहा कि भाजपा के राज में उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में न्याय व्यवस्था चरमराई हुई है, आम जनता को न्याय नहीं मिल रहा। दलितों और पिछड़े वर्गों के साथ लगातार अन्याय और अपमान हो रहा है। उन्होंने मौजूदा हालात की तुलना आपातकाल जैसे दौर से की।
भारतीय जनता पार्टी आपातकाल के ५० साल पूरे होने पर देशभर में संविधान हत्या दिवस के रूप में कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। अखिलेश ने इस पर कहा था कि आपातकाल "घोषित" और "अघोषित" होते हैं। मौजूदा आपातकाल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।