क्या उसी युवा मोदी ने आपातकाल का विरोध किया, जिसने 2014 में परिवारवादी राजनीति को उखाड़ फेंका? : अमित शाह

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क्या उसी युवा मोदी ने आपातकाल का विरोध किया, जिसने 2014 में परिवारवादी राजनीति को उखाड़ फेंका? : अमित शाह

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल के समय नरेंद्र मोदी की बहादुरी की चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे मोदी ने परिवारवादी राजनीति को 2014 में समाप्त किया। यह लेख मोदी की संघर्ष कहानी को उजागर करता है, जो वर्तमान में लोकतंत्र की नींव को मजबूत कर रहे हैं।

Key Takeaways

  • आपातकाल के दौरान नरेंद्र मोदी का संघर्ष
  • परिवारवादी राजनीति का उन्मूलन
  • लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का प्रयास

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को आपातकाल के दौरान युवा संघ प्रचारक के रूप में (अब प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के कार्यों का उल्लेख किया और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस युवा नरेंद्र मोदी ने गांव-गांव जाकर परिवारवाद स्थापित करने के लिए लागू किए गए आपातकाल का विरोध किया, वही व्यक्ति २०१४ में परिवारवादी राजनीति को जड़ से उखाड़ फेंकने में सफल रहा।

नई दिल्ली में ‘संविधान हत्या दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुभवों का संकलन 'द इमरजेंसी डायरिज: इयर्स दैट फोर्ज्ड एक लीडर' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

पुस्तक विमोचन के बाद अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में आपातकाल के समय एक युवा संघ प्रचारक के रूप में नरेंद्र मोदी के कार्यों का उल्लेख है कि किस प्रकार जयप्रकाश नारायण और नाना जी देशमुख के नेतृत्व में १९ माह तक चले आंदोलन में भूमिगत रहकर संघर्ष किया, मीसा कानून के तहत जेल में बंद लोगों के घर गए और उनके परिजनों से बातचीत की और उनके इलाज की व्यवस्था की। गुप्त रूप से प्रकाशित होने वाले कई अखबारों को बाजारों, चौराहों, विद्यार्थियों और महिलाओं में वितरित किया गया और गुजरात में २४-२५ साल के युवा के रूप में नरेंद्र मोदी ने संघर्ष का नेतृत्व किया।

उन्होंने कहा कि मोदी उस समय भूमिगत रहकर कभी साधु, कभी सरदार जी, कभी हिप्पी, कभी अगरबत्ती बेचने वाले या कभी अखबार बेचने वाले का काम करते थे।

अमित शाह ने कहा कि परिवारवाद को स्थापित करने के लिए लागू की गई इमरजेंसी के समय जिस २५ साल के युवा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही विचारों का विरोध किया, घर-घर, गांव-गांव और शहर-शहर घूमकर विरोध किया, वही व्यक्ति २०१४ में परिवारवाद को पूरे देश से जड़ से उखाड़ कर फेंकने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि मीडिया की सेंसरशिप, सरकार का दमन, संघ और जनसंघ का संघर्ष, आपातकालीन पीड़ितों का वर्णन और तानाशाही से जनभागीदारी तक के रूप में इस किताब में पाँच अध्याय हैं।

गृह मंत्री ने देश के युवाओं से अपील की कि वे इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें ताकि उन्हें यह पता चल सके कि जिस युवा ने अपने प्रारंभिक दिनों में जिस प्रकार से तानाशाही के खिलाफ संघर्ष किया, वही युवा इस देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हैं।

Point of View

बल्कि यह देश की राजनीति के लिए निर्णायक था। यह कहानी हमें बताती है कि कैसे एक युवा नेता ने तानाशाही के खिलाफ खड़े होकर लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित किया।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

अमित शाह ने नरेंद्र मोदी के बारे में क्या कहा?
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के दौरान परिवारवाद के खिलाफ संघर्ष किया और 2014 में इसे समाप्त किया।
नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के दौरान कौन से कार्य किए?
मोदी ने भूमिगत रहकर आंदोलन का नेतृत्व किया, जेल में बंद लोगों के परिवारों से मिले और गुप्त समाचार पत्रों का वितरण किया।