क्या आतंकियों को शरण और सहायता देने वाले तीन आरोपियों को पुलवामा पुलिस ने सजा दिलाई?

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क्या आतंकियों को शरण और सहायता देने वाले तीन आरोपियों को पुलवामा पुलिस ने सजा दिलाई?

सारांश

पुलवामा पुलिस ने आतंकवादियों को शरण और सहायता देने वाले तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है। यह मामला एनआईए अधिनियम के तहत दर्ज हुआ था और इसमें कठोर सजा का प्रावधान है। जानें इस महत्वपूर्ण घटना के बारे में।

Key Takeaways

  • पुलवामा पुलिस ने तीन आतंकियों को शरण देने वाले आरोपियों को दोषी ठहराया।
  • यह मामला यूएपीए और एनआईए अधिनियम के तहत दर्ज हुआ।
  • आरोपियों को कठोर सजाएं दी गई हैं।
  • पुलवामा पुलिस की पेशेवर जांच की सराहना की गई।
  • आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है।

श्रीनगर, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुलवामा पुलिस ने आतंकवादियों को शरण और सहायता प्रदान करने वाले तीन आरोपियों को कोर्ट में दोषी साबित करने में सफलता प्राप्त की है। यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत दर्ज किया गया था। एनआईए अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायालय, पुलवामा द्वारा यह मामला देखा गया था।

यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 307, शस्त्र अधिनियम की धारा 7/27 और यूए(पी) अधिनियम की धारा 16, 18, 19, 20, 38 और 39 के अंतर्गत दर्ज किया गया था। आरोपियों को प्रतिबंधित संगठन के आतंकियों को शरण और सहयोग प्रदान करने का दोषी पाया गया। मेहराज-उद-दीन मीर को यूए(पी) अधिनियम की धारा 19 और 39 के तहत दोषी ठहराया गया। उन्हें धारा 19 के तहत 3 वर्ष का साधारण कारावास और 10,000 रुपए का जुर्माना तथा धारा 39 के तहत 3 वर्ष 10 माह का कारावास सुनाया गया, दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

फिरदौस अहमद भट और इरशाद अहमद मलिक को यूए(पी) अधिनियम की धारा 39 के तहत दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 3 वर्ष 10 माह का कारावास दिया गया। आरोपियों द्वारा हिरासत में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।

यह दोषसिद्धि पुलवामा पुलिस की पेशेवर जांच और प्रभावी अभियोजन का परिणाम है, जो आतंकवाद और उसके समर्थन तंत्र के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराती है।

इससे पहले, 22 दिसंबर को संयुक्त बलों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हथियारों और गोला-बारूद के साथ एक आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने बताया कि अवंतीपोरा पुलिस, सीआरपीएफ की 185वीं बटालियन और 50 राष्ट्रीय राइफल्स सहित संयुक्त बलों ने पुलवामा जिले के वुयान-ख्रेव इलाके में तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाया और जावेद अहमद हाजम, निवासी गुलाब बाग, त्राल, नामक एक आतंकवादी सहयोगी को गिरफ्तार किया, जिसके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।

Point of View

बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट करता है। आतंकवाद के खिलाफ कठोर और निर्णायक कदम उठाना आवश्यक है, जिससे समाज में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

यह मामला कब दर्ज हुआ था?
यह मामला एनआईए अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था और हाल ही में तीन आरोपियों को दोषी ठहराया गया।
आरोपियों को क्या सजाएं मिली हैं?
आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत तीन वर्ष से लेकर 3 वर्ष 10 माह का कारावास और जुर्माना लगाया गया है।
पुलवामा पुलिस की भूमिका क्या है?
पुलवामा पुलिस ने इस मामले में प्रभावी जांच और अभियोजन किया है, जो आतंकवाद के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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