क्या अब्दुल वाहिद ने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से केस लड़ने का इरादा जताया?

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क्या अब्दुल वाहिद ने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से केस लड़ने का इरादा जताया?

सारांश

बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब्दुल वाहिद ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से केस लड़ेंगे। जानें इस मामले में क्या है नया और क्या है आरोपियों की स्थिति।

Key Takeaways

  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने १२ आरोपियों को बरी किया।
  • अब्दुल वाहिद ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ने का इरादा जताया।
  • महाराष्ट्र सरकार ने फैसले को चुनौती दी है।

मुंबई, २२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने २००६ के ट्रेन ब्लास्ट मामले में १२ आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में सेशंस कोर्ट ने २०१५ में अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख को पहले ही बरी किया था। ताजा घटनाक्रम पर अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख की प्रतिक्रिया सामने आई है।

अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "इस मामले में एटीएस ने १३ लोगों को गिरफ्तार किया था और मैं भी उनमें शामिल था। हालांकि, २०१५ में सेशंस कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया। अब हालिया फैसले में सभी आरोपियों के लिए रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है और अब तक उनमें से ९ को रिहा कर दिया गया है। इसके अलावा, दो कैदी अभी भी जेल में हैं। उन दोनों पर कई झूठे मुकदमे हैं, जिनमें उनकी रिहाई होना बाकी है।"

महाराष्ट्र सरकार द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर अब्दुल वाहिद ने आगे कहा, "स्वाभाविक बात है कि अगर इस मामले में फैसला किसी के भी पक्ष में आता तो दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख जरूर करता। हाई कोर्ट के फैसले से हमारा कोई नुकसान नहीं होने वाला है, बल्कि इससे सरकार की बदनामी होगी। इतने बड़े मामले में अगर १९ साल के बाद लोग रिहा हो रहे हैं तो सरकार वापस उनको जेल में डालने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।"

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए था और जिन पुलिस अधिकारियों ने फंसाया है, उन पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। मुझे लगता है कि इसमें कुछ नहीं होने वाला है और उम्मीद है कि वहां से भी सभी को बेल मिलेगी। हमारी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी मजबूती के साथ केस लड़ा जाएगा।"

Point of View

यह हमारा दायित्व है कि हम न्याय के प्रति सचेत रहें। इस मामले में बरी हुए आरोपियों को राहत मिली है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार सही कदम उठाए और न्याय की प्रक्रिया को बनाए रखे।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला कब आया?
बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला २२ जुलाई २०२३ को आया।
अब्दुल वाहिद ने क्या कहा?
अब्दुल वाहिद ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से केस लड़ेंगे।
कितने आरोपियों को बरी किया गया?
१२ आरोपियों को बरी किया गया है।