क्या अधोमुख श्वानासन पेट की समस्याएं दूर करने और मानसिक शांति में मदद करता है?

सारांश
Key Takeaways
- अधोमुख श्वानासन से पेट की समस्याएं दूर होती हैं।
- यह मानसिक शांति प्रदान करता है।
- इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।
- यह अनिद्रा और चिंता को कम करता है।
- सही तकनीक से करें, अन्यथा दर्द हो सकता है।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसनों में से एक महत्वपूर्ण आसन है 'अधोमुख श्वानासन', जिसे अंग्रेजी में 'डाउनवर्ड फेसिंग डॉग' कहा जाता है। यह आसन शरीर को लचीलापन और स्थिरता प्रदान करता है।
विशेष रूप से यह रीढ़ की हड्डी, मांसपेशियों और पूरे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। आइए, इस आसन के फायदों और इसे करने की सरल विधि को विस्तार से समझते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, यह आसन 'वात दोष' को संतुलित करता है, जो गतिशीलता और हल्केपन को बढ़ाता है। यह मुद्रा पृथ्वी से जुड़ाव और गुरुत्वाकर्षण के साथ स्थिरता प्रदान करती है। जब हम यह योगासन करते हैं, तो सिर नीचे की ओर जाता है, जिससे मस्तिष्क में रक्त संचार बेहतर होता है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
साथ ही, यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है, पेट की समस्याओं को दूर करता है और मन को शांत रखता है। इसके नियमित अभ्यास से अनिद्रा, थकान और चिंता जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले 'टेबल टॉप पोजीशन' में आएं। इसमें दोनों हाथ कंधों के ठीक नीचे और घुटने कूल्हों के समानांतर होने चाहिए। अब धीरे-धीरे अपने पंजों को जमीन पर टिकाएं और घुटनों को ऊपर उठाएं। कूल्हों को आसमान की ओर ले जाकर शरीर को त्रिकोण के आकार में लाएं। इस स्थिति में स्थिर होने के बाद पैरों को धीरे-धीरे सीधा करने का प्रयास करें।
अगर शुरुआत में एड़ियां जमीन तक न पहुंचें तो चिंता न करें। घुटनों को हल्का मोड़कर कमर को सीधा रखें, ताकि रीढ़ पर दबाव न पड़े। समय के साथ लचीलापन बढ़ने पर आप पैरों को पूरी तरह सीधा कर पाएंगे। इस दौरान उंगलियां फैली हुई और कंधे कानों से दूर रखें। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते समय शरीर को आराम दें। इसके नियमित अभ्यास से शरीर में ताकत और लचीलापन बेहतर होगा।
इस आसन को धीरे और सावधानी से करें। यदि आपको कलाई, कंधे या पीठ में दर्द है तो योग विशेषज्ञ की सलाह लें। गर्भवती महिलाएं या गंभीर चोट वाले लोग इस आसन को न करें।