क्या प्रशांत किशोर अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से चुनाव लड़ेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर विचार व्यक्त किया है।
- बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर पकड़ चुकी है।
- युवाओं की सक्रिय भागीदारी चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है।
- उन्होंने बिहार में कई जनसभाएं की हैं।
- राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।
सासाराम, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बीच, जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अभी तक चुनाव लड़ने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि, उनका कहना है कि अगर पार्टी की इच्छा हुई, तो वह अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से चुनाव लड़ना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है, तो वह या तो अपनी जन्मभूमि रोहतास के करगहर से या फिर बिहार की कर्मभूमि में से राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे। प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के दौरान बुधवार को रोहतास के काराकाट विधानसभा क्षेत्र में गोरारी स्टेडियम में ‘बिहार बदलाव जनसभा’ आयोजित करने पहुंचे थे।
जनसभा के बाद, उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में एनडीए के महिला मोर्चा द्वारा चार सितंबर के बिहार बंद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह नेताओं के लिए है, जनता के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को भी जन सुराज की दो जनसभाएं होंगी, जिसमें पहले की तरह 20-20 हजार लोग शामिल होंगे। बिहार का युवा बदलाव के लिए तैयार है।
प्रशांत किशोर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की एक भावुक तस्वीर के संदर्भ में मजाक करते हुए कहा कि वह अभी तक मूर्छित थे। अब यदि वह होश में हैं, तो उन्हें बताना चाहिए कि किशनगंज का कॉलेज उन्होंने कब्जा किया था या नहीं?
वास्तव में, इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर इस चुनाव के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। वे लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं।