क्या अगर सरकार 365 दिन के लिए रोजगार गारंटी देती तो बेहतर होता: अफजल अंसारी?
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा योजना का नाम बदलने पर व्यापक विरोध हो रहा है।
- अफजल अंसारी ने गरीबों के लिए रोजगार गारंटी की आवश्यकता पर जोर दिया।
- सरकार की नीतियों से मजदूरों में चिंता बढ़ी है।
- प्रदूषण की स्थिति गंभीर है, जिससे स्वास्थ्य पर खतरा है।
- यह बिल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की चिंता का विषय है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा योजना का नाम बदलने पर विपक्षी सांसदों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सांसदों का कहना है कि इस बिल के खिलाफ सड़क से संसद तक विरोध जारी रहेगा। समाजवादी पार्टी के सांसद अफजल अंसारी ने चिंता व्यक्त की है कि सरकार ने आज योजना का नाम बदला है, कल इसे भी समाप्त कर सकती है। मजदूर और गरीब इससे चिंतित हैं।
अफजल अंसारी ने नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अब लोकतंत्र एक बहुमत-तंत्र बन चुका है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वीबी-जी राम जी बिल पास हो गया। इसका उद्देश्य क्या है? राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाना और केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना का बड़ा भार राज्यों पर डालना।
उन्होंने कहा कि संशोधन करके मनरेगा को मजबूत करने की आवश्यकता थी, लेकिन अब इसे 'जी राम जी' योजना के रूप में जाना जाएगा। यदि सरकार 365 दिन गरीबों और मजदूरों को रोजगार की गारंटी देती, तो मुझे लगता कि भाजपा सरकार ने गरीबों के हित में यह कदम उठाया होता।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार किसी भी कारण से महात्मा गांधी का नाम हटाने का प्रयास कर रही है। देश का ध्यान भटकाने के लिए 'जी राम जी' का नाम लाकर गरीबों को दुख पहुंचा रही है। योजना में कई प्रकार के दुरुपयोग होते रहे हैं और आगे और बढ़ सकते हैं। गरीब मजदूर इस बात से चिंतित हैं कि सरकार भविष्य में इस योजना को बंद कर देगी।
सपा सांसद आरके चौधरी के बयान 'शव जलाने, होलिका दहन से हो रहा वायु प्रदूषण' पर अफजल अंसारी ने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और बयान देने के लिए स्वतंत्र हैं। आरके चौधरी बड़े नेता हैं और पहले भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रख चुके हैं। हर व्यक्ति अपनी बात कह सकता है, और मीडिया उसे अपने तरीके से प्रस्तुत कर सकती है।
उन्होंने कहा कि आज मैं दिल्ली में हूं, मेरी आंखों में आंसू हैं। मुझे नहीं लगता कि विश्व में दिल्ली के बाद कोई शहर इससे अधिक प्रदूषित है। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन के चंद घंटों के दौरे पर आने पर भी उन्होंने खांसी की। प्रदूषण के कारण सांस लेना कठिन हो गया है। दिल्ली अब एक गैस चैंबर बन गई है। सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
'विकसित भारत जी राम जी' बिल पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि इसमें राज्य का 40 और केंद्र का 60 प्रतिशत हिस्सा है। एक भी योजना प्रभावी नहीं हुई है और यह भी कार्य नहीं करेगी।
आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि बिल का पास होना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक था, क्योंकि हमने इसे कम से कम स्टैंडिंग कमेटी या जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेजने की मांग की थी। दुर्भाग्य से, सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कानून को जबरदस्ती पास करवाया और बिल पेश होने के कुछ ही दिनों में पास हो गया। इसे पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ तरीके से पास किया गया। इसलिए कल हमने कहा कि यह एक स्वतंत्र संसद के कानून के जरिए महात्मा गांधी की दूसरी हत्या है।
सीपीआई (एम) सांसद पी. संतोष ने कहा कि कुछ ही दिनों में नया साल आने वाला है। इस मौके पर भाजपा ने गांव वालों पर हमला किया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसके खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन होंगे। यह कोई छोटी बात नहीं है। उनके पास बहुमत हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे लोगों को नुकसान पहुंचाएं। यह गरीब विरोधी और मजदूर विरोधी बिल है। इसे कानून बनाना मंजूर नहीं है, और हम इसका विरोध करते हैं।